लखनऊ/ अहमर हुसैन: विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में बने रहने वाले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी (Wasim Rizvi) ने मुसलमानों के दूसरे सबसे बड़े त्योहार ईद उल अजहा (Eid ul Adha) पर ऐतराज़ जताया है. वसीम रिज़वी ने बयान जारी कर कहा कि बकरीद के नाम पर करोड़ों जानवरों की कुर्बानी देना एक गुनाह है.


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वसीम रिज़वी (Wasim Rizvi) ने मज़ीद कहा कि अल्लाह कि राह में हज़रत इबारहिम अपने बेटे हज़रत इस्माईल की कुर्बानी देने में हिचकिचाएं थे, इसलिए अल्लाह ने उनकी कुर्बानी नहीं कुबूल की थी. इस दिन एक रसूल अल्लाह की राह में नाकामयाब हुए थे इसलिए यह दिन अल्लाह से अपने गुनाहों कि माफी मांगने का है न कि बेजुबान जानवर की बलि देकर ईद मनाने का. 


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गौरतलब है कि वसीम रिज़वी का विवादों से पुराना नाता रहा है. कभी कुरान तो कभी मदरसों को लेकर वह टिप्पणी करते रहे हैं. 


21 जुलाई को मनाया जाएगा त्योहार
रविवार को जिल हीज्ज महीने का चांद नज़र आने के बाद ईद उल अजहा की तारीख का ऐलान हो गया है. भारत में यह त्योहार 21 जुलाई को मनाया जाएगा. बकरीद को कुर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है. इस दिन मुसलमान किसानों से महंगे से महंगा बकरा खरीद कर कुर्बान करते है जिसका हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों को दिया जाता है. मुल्क में बकरीद के मौके पर बड़ा कारोबार होता है. गांव, देहात से किसान और व्यापारी बकरे लेकर मंडियों में बेचने आते हैं जिससे उनको अच्छा मुनाफा हासिल होता है.


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