शिवसेना की लड़ाई: एकनाथ बने रहेंगे CM, उद्धव नहीं हटा सकते
Shiv Sena: एकनाथ शिंदे ने कुछ विधायकों के साथ बगावत करके शिवसेना पर अपना दावा कर दिया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट और इलेक्शन कमीशन के पास गया लेकिन वहां उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा.
Shiv Sena: शिवसेना पर महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दावा करते रहे हैं, लेकिन अब माहाष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दिया है. उन्होंने कहा है कि एकनाथ शिंदे गुट ही शिवसेना के असली दावेदार हैं. शिंदे मुख्यमंत्री बने रहेंगे. नार्वेकर ने चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा है. इलेक्शन कमीशन ने पहले ही शिंदे गुट को ही असली शिव सेना माना था.
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं संविधान
नार्वेकर के मुताबिक "शिवसेना के 1999 के संविधान के मुताबिक, उद्धव ठाकरे के पास एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटाने की कोई ताकत नहीं है." स्पीकर ने कहा कि "पूरा मसला यह है कि असली शिवसेना कौन है? उद्धव और शिंदे गुट दावा करते हैं और पार्टी के संशोधित संविधान को मानते हैं. लेकिन यह संविधान संशोधन चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में ही नहीं है."
2018 का ढांचा ही मान्य रहेगा
स्पीकर के मुताबिक "चुनाव आयोग के पास 1999 का संविधान है और उसके आधार पर ही फैसला लिया गया है. इसके मुताबिक एकनाथ शिंदे ही असली शिवसेना है." उन्होंने आगे कहा कि "चुनाव आयोग भी विधायकों की संख्या और संविधान के आधार पर शिंदे गुट को ही शिवसेना का असली अधिकारी मान चुकी है. 2018 में संगठन का जो ढांचा है, उसे ही मान्य रखना होगा."
सुप्रीम कोर्ट गया उद्धव गुट
इससे पहले स्पीकर और एकनाथ शिंदे की मुलाकात हुई है. इस पर उद्धव गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने इल्जाम लगाया कि "फैसला पहले से तय है. हम जानते थे कि फैसला उनके खिलाफ आएगा." आदित्य ठाकरे का कहना है कि "पहली बात यहा है कि हमने देखा है कि स्पीकर ने फैसले से पहले मुख्यमंत्री से मुलाकात की. फिर यह धारणा देने की कोशिश की गई कि जिसे न्याय देना था वह आरोपी के पास जाता. इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ. क्या कभी कोई जज फैसले से पहले आरोपी से मिलता है.?"