नई दिल्ली: करीब दो साल के इन्तिज़ार के बाद हज कमेटी ऑफ इंडिया को अपना नया चयरमैन मिलने जा रहा है. 22 अप्रैल को हज कमेटी ऑफ इंडिया के मेम्बर अपना चयरमैन चुनेंगे. दिल्ली में ये चुनाव होगा. इससे पहले अक्लियती उमूर की विज़ारत ने सूबाई स्टेट हज कमेटियों के जिम्मेदारानों से नोटिफिकेशन के जरिए मरकज़ी हज कमेटी के नुमाइन्दा के तौर पर नाम मांगे हैं. पिछले दिनों उनके नाम आ गए थे. राज्यसभा सांसद कोटे से जफर इस्लाम कमेटी के सदस्य बने. वही एजाज़ हुसैन राथर, मुन्नवरी बेगम, ज़ैनुद्दीन मोहसिन भाई (शिया मुस्लिम कोटा) हिदायत खान धौलिया और माफ़ूज़ा खातून भी कमेटी के सदस्य बनाए गए. इनके अलावा एपी अब्दुल्ला कुटी बीबी भी मेम्बर बने. हालांकि अभी कई सदस्यों के पद खाली भी हैं लेकिन अभी मौजूदा सदस्य ही अपना चयरमैन चुनेंगे.


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कैसे होता है हज कमेटी का चुनाव?
अक्लियती उमूर की विज़ारते हज कमेटी के लिए सूबाई स्टेट हज कमेटियों के जिम्मेदारानों से नोटिफिकेशन के जरिए मरकज़ी हज कमेटी के नुमाइन्दा के तौर पर नाम मांगती हैं. हज कमेटी ऑफ इंडिया में 6 ज़ोनल मेम्बर मुनतखब होकर आते हैं. इसके अलावा यूपी, केरला, और महाराष्ट्र स्टेट हज कमेटी से एक एक मेम्बर होते हैं. 3 मेम्बरान पार्लिमेंट, जिसनें 2 मेम्बर लोकसभा और एक राज्यसभा के सदस्य होते हैं. वहीं 7 मेम्बर्स को मरकज़ी हुकूमत नामज़द करती है, इनमें तीन उलेमा ए इकराम( एक शिया, दो सुन्नी) होते हैं. हज कमेटी ऑफ इंडिया में टोटल मेम्बर की तादाद करीब 23 होती है. ये सभी मेम्बर अपना चयरमैन चुनते हैं.


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कोरोना की वजह से पिछले दो साल से हज पर लगी थी रोक
हिन्दुस्तान समेत किसी भी मुल्क से आज़मीन नहीं जा पाए लेकिन 2022 में 10 लाख दुनिया भर से हज के मुकद्दस सफर पर जाएंगे. इसके लिए फार्म भरने से लेकर ट्रेनिंग तक पूरी कर ली गई है लेकिन अभी भी सऊदी अरब के साथ होने वाले बाय लेटर एग्रीमेंट का इंतिज़ार है जिसमें जानकारी मिलेगी कि कितने आज़मीन हिन्दुस्तान से 2022 में हज पर जाएंगे.


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