प्रयागराजः सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक और आईपीएस अफसर कवींद्र प्रताप सिंह को काशी प्रांत के विश्व हिंदू परिषद (विहिप) का नया सद्र बनाया गया है. कवींद्र प्रताप सिंह ने पत्रकारों से कहा कि संगठन उन नौजवान पीढ़ी में संस्कार लाने के लिए हिंदू परिवारों को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देगा, जो अपने महान मूल्यों और परंपराओं की अनदेखी करके वेस्टर्न कल्चर को फॉलो कर रहे हैं. 
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ऐसा मानती है कि परिवार बच्चों के बीच भारतीय संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने में खास भूमिका निभा सकते हैं. कवींद्र प्रताप सिंह ने कहा, “विहिप शहर की अलग-अलग झुग्गी-झोपड़ियों में 'संस्कार शाला’ चलाने के अलावा हिंदू परिवारों के बुजुर्गों को अपने बच्चों को समृद्ध भारतीय संस्कृति और परंपराओं के बारे में सिखाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है." 


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नौजवानों को संगठन से जोड़ने की अपील 
कवींद्र प्रताप सिंह ने कहा, “हमने एक प्लान तैयार किया है, जिसमें अभियानों की एक पूरी सिरीज शामिल है, जहां नौजवानों को समृद्ध संस्कृति, विरासत, त्योहारों और महापुरुषों की जीवनी के बारे में पढ़ाया जाएगा. हिंदू समाज के लोगों को जोड़ने की भी जरूरत है.’’ 
कवींद्र प्रताप सिंह ने आगे कहा, “सभी हिंदू समाज के लोगों और खास तौर से नोजवानों को इससे जोड़ने की जरूरत है. स्वामी विवेकानंद, महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास, डॉ. भीमराव अंबेडकर, स्वामी दयाशंकर सरस्वती, सावित्रीबाई फुले वगैरह जैसे महान लोगों की जिंदगी के बारे में जानना चाहिए." 

धर्म परिवर्तन के मामलो से डरा विहिप 
गौरतलब है कि विहिप ने उत्तर प्रदेश के तीन जिलों की झुग्गी-झोपड़ियों में धर्म परिवर्तन के मामले देखने के बाद संस्कार शालाओं की शुरुआत की है. इन संस्कार शालाओं के तहत झुग्गी-झोपड़ियों के बच्चों को सनातन हिंदू धर्म, संस्कृति और समृद्ध विरासत, त्योहारों, योग वगैरह के बारे में पढ़ाया जाता है. 

कौन हैं कवींद्र प्रताप सिंह 
कवींद्र प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश में लगभग 35 सालों तक पुलिस सेवा में रहे हैं. इस दौरान उन्होंने बस्ती, प्रयागराज, देवरिया, बहराइच, सीतापुर, फतेहपुर और अयोध्या जैसे कई जिलों में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं.


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