10 साल से थी महिला IRS अधिकारी, कोर्ट के एक फैसले से बन गई पुरुष; इस एक्टर के नाम पर रखा अपना नाम!
Female IRS officer Gender Change to Male: सिविल सेवा के इतिहास में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक महिला आईआरएस अधिकारी को अगले मंगलवार से पुरुष अधिकारी के रूप से जाना जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपने एक ऑर्डर में इस बात की जानकारी दी. इस आदेश में कहा गया है कि `हैदराबाद में CESTAT के मुख्य आयुक्त के तौर पर काम कर रही एम अनुसूया को अगले मंगलवार से एम अनुकाथिर सूर्या के नाम से जाना जाएगा. एम अनुकाथिर सूर्या 2013 बैच के IRS अधिकारी हैं.
IRS Officer Gender Change: CESTAT (Customs, Excise And Service Tax Appellate Tribunal) की क्षेत्रीय बेंच में ज्वाइंट कमिश्नर के तौर पर काम कर रही महिला IRS अधिकारी एम अनुसूया ने अपनी पहचान बदल ली है. वह अब एक पुरुष अधिकारी के रूप में काम करेगी. उन्होंने अपना नाम एम अनुसूया से बदलकर एम अनुकाथिर सूर्या कर लिया है. इस मामले में पिछले 10 सालों से सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लिंग पहचान हर इंसान की पर्सनल च्वाइस है.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अपने एक ऑर्डर में इस बात की जानकारी दी. इस आदेश में कहा गया है कि "हैदराबाद में CESTAT के मुख्य आयुक्त के तौर पर काम कर रहे एम अनुसूया को अगले मंगलवार से एम अनुकाथिर सूर्या के नाम से जाना जाएगा. एम अनुकाथिर सूर्या 2013 बैच के IRS अधिकारी हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्व विभाग के केंद्रीय इनडायरेक्ट टैक्स एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने आदेश दिया है कि बहुत जल्द एम अनुसूया के सभी दस्तावेजों से उनके नाम को बदल लिया जाएगा, और उनके नाम को एम अनुकाथिर सूर्या'कर दिया जाएगा.
एम अनुसूया के मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि "सेक्सुअल ओरिएंटेशन का मतलब किसी इंसान के स्थायी शारीरिक, रोमांटिक और इमोशनल आकर्षण से है. सेक्सुअल ओरिएंटेशन में भारी सेक्सुअल ओरिएंटेशन वाले ट्रांसजेंडर और जेंडर-वेरिएंट वाले लोग शामिल हैं और उनका सेक्सुअल ओरिएंटेशन जेंडर ट्रांसमिशन के दौरान या बाद में बदल भी सकता है." अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि "अगर किसी शख्स ने अपनी लिंग विशेषताओं और धारणा के अनुरूप अपना लिंग परिवर्तन किया है और कानून उसकी इजाजत देता है, तो हमें सर्जरी के बाद फिर से निर्दिष्ट लिंग के आधार पर लिंग पहचान को उचित मान्यता देने में कोई कानूनी या कोई दूसरी रुकावट नहीं दिखती है."