वकील साहब को पुलिस से नहीं मिला इंसाफ,तो हेलमेट के लिए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
Uttar Prradesh News: लखनऊ के एक वकील को पुलिसिया सिस्टम से आहत होकर इसलिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा कि उन्हें हेलमेट चोरी का केस दर्ज करवाना था. वकील प्रेम प्रकाश पांडेय का इसी साल अगस्त महीने में लखनऊ जीपीओ के बाहर से हेलमेट चोरी हो गया था. जिसका मामला लेकर वो थाना गया था लेकिन पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की थी.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सिस्टम से परेशान होकर एक वकील को हेलमेट चोरी मामला दर्ज करवाने के लिए कोर्ट दरवाजा खटखटाना पड़ा. कोर्ट के आदेश पर हजरतगंज कोतवाली पुलिस ने आखिरकार एडवोकेट के हेलमेट चोरी का मामला दर्ज कर लिया. हजरतगंज कोतवाली थाना के एसएचओ विक्रम सिंह ने शनिवार को बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 305 (घर या ट्रान्सपोर्ट के साधन या पूजा स्थल आदि में चोरी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. सिंह ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है.
दरअसल, राजधानी के मध्य में स्थित जनरल पोस्ट ऑफिस (जीपीओ) के कैंपस में 17 अगस्त को 33 साल के एडवोकेट प्रेम प्रकाश पांडेय का काले रंग का हेलमेट चोरी हो गया था. इसके बाद एडवोकेट पांडेय हेलमेट चोरी का मामला दर्ज कराने थाने पहुंचा. पांडेय के मुताबिक पुलिस ने हेलमेट चोरी का मामला दर्ज नहीं किया. जिसकी वजह से उन्हें FIR दर्ज करवाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. उन्होंने कहा कि आखिरकार, 26 सितंबर, बृहस्पतिवार को पुलिस ने इस संबंध में हजरतगंज थाने में दो अज्ञात लोगों के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज किया.
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एक साल पुराना था हेलमेट
पांडेय ने शनिवार को इस मामले को जानकारी देते हुए कहा कि उनका हेलमेट लखनऊ जीपीओ के A-5 और A-6 काउंटर के बीच से चोरी हुआ था. उन्होंने कहा कि हेलमेट 1 साल से ज्यादा पुराना है. उन्होंने कहा कि हेलमेट न तो किसी खास मौके पर खरीदा था और न ही किसी ने उन्हें वह गिफ्ट में दिया था, लेकिन राजधानी में सरकारी दफ्तर के अंदर से हेलमेट चोरी होना यकीनन एक गंभीर मुद्दा है. पांडे ने बताया कि चोरी हुए हेलमेट की कीमत उन्हें याद नहीं है.
सिस्टम से आहत होकर खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
हालांकि, उन्होंने कहा कि 15-20 दिन पहले ही नया हेलमेट खरीद लिया है. पांडे ने कहा, "मैं सिस्टम से परेशान हूं और मुझे मजबूरन कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. हेलमेट चोरी होने से मैं आहत नहीं हूं, लेकिन सिस्टम की तरफ से की गई देरी ने मुझे आहत किया है."