पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने अटपटे बयानों के लिए जाने जाते हैं. वहीं शनिवार को उन्हांने शराब बंदी वाले राज्य में अधिकारी कैसे और कब शराब पीते हैं, इस बात की भी पोल खोल दी है. अभी दो दिन पहले ही पूर्ण शराब बंदी वाले राज्य बिहार में बयान दिया था कि थोड़ी -थोड़ी सी शराब पीने में कोई हर्ज नहीं है. वहीं, शनिवार को राज्य के गरीबों को उन्होंने सलाह दी कि वे शराब पीने की कला अमीर लोगों से सीखें, जो पीने के बाद कोई शोर-शराबा और हंगामा करने के बजाए चुपचाप सो जाते हैं. मांझी ने पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की है.

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शराब पीने के आरोप में गरीब के पकड़े जाने पर मांझी को है दिक्कत 
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी लागू है और मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन राजग का एक हिस्सा है. मांझी ने एक शराबी शख्स की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया में आई खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि यह जुल्म हो रहा है. एक शख्स काम के बाद शराब पीकर सड़क किनारे बैठकर हंगामा कर रहा था तभी पुलिस वहां पहुंचकर उसे पकड़ लेती है. आरोपी के सांस की जांच के बाद उस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. 

एक या दो पैग लेने में मांझी को नहीं दिखती है बुराई 
मांझी ने कहा कि एक या दो पैग लेने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को इस मामले में बड़े साहबों का अनुकरण करना चाहिए जो चुपचाप रात में कुछ शराब का आनंद लेते हैं और सो जाते हैं. इसलिए, वह कभी पकड़े नहीं जाते है.’’ मांझी ने कहा कि प्रदेश के गरीब, मजदूर चाहे वे किसी भी जाति और धर्म के हों, दिनभर कठिन मेहनत के बाद आराम चाहते हैं. पीने से उन्हें राहत मिलती है, लेकिन पीने के बाद वह हंगामा करने के कारण बदनाम हो जाते हैं. अगर वे सही से पीना सीख जाएं और संयमित रहें तो  उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी.’’ 

पीने का खुलकर समर्थन करते हैं मांझी 
मांझी ने चिकित्सकीय आधार पर सीमित मात्रा में शराब पीने के  फायदे बताने वाले अखबार के लेखों का भी हवाला दिया है. मांझी के बेटे संतोष सुमन राज्य के मंत्री हैं. राज्य के कई नेता दबी जुबान से शराबबंदी की ओलाचना करते हैं, लेकिन मांझी जैसे कुछ ही नेता हैं जो सरेआम शराबबंदी को लेकर अपनी राय जाहिर करते रहे हैं.

बिहार में अप्रैल 2016 से लागू है शराब की बिक्री पर प्रतिबंध  
गौरतलब है कि बिहार में अप्रैल 2016 से शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण पाबंदी है. विधानसभा चुनावों के दौरान राज्य की महिलाओं से नीतीश कुमार के वादे के बाद शराब पर प्रतिबंध का यह कदम उठाया गया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह चुके हैं कि जब तक वह सीएम के पद पर रहेंगे शराबबंदी कानून लागू रहेगा और जिन लोगों या बाहर से आने वालों को इस कानून से दिक्कत होती है उन्हें या तो अपनी आदत बदल लेनी चाहिए या बिहार आने से परहेज करना चाहिए.


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