Jaya Prada Got Bail: उत्तर प्रदेश के रामपुर से पूर्व सांसद और अदाकारा जयाप्रदा को बग़ैर इजाज़त के एक रैली करने के मामले में बुधवार को लोकल एमपी—एमएलए अदालत ने ज़मानत दे दी. इस मामले में उनके ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया गया था. अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी के मुताबिक़, जयाप्रदा रामपुर की एमपी—एमएलए अदालत में पेश हुईं और ज़मानत की अर्ज़ी दाख़िल की, इस पर कोर्ट ने उनकी ज़मानत स्वीकार कर ली. अमरनाथ तिवारी ने बताया कि साल 2019 के लोकसभा इलेक्शन में जयाप्रदा बीजेपी की उम्मीदवार थीं और इस दौरान उन्होंने स्वार इलाक़े में एक सड़क का उद्धाटन किया था जबकि कैमरी इलाक़े में इंतेज़ामिया की परमिशन के बग़ैर रैली को ख़िताब किया था, इन सभी मामलों में उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किये गए थे.


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कोर्ट ने ज़मानत अर्ज़ी की मंज़ूर
उन्होंने बताया कि जयाप्रदा को कई बार समन भेजी गया लेकिन इसके बावजूद भी पूर्व सांसद कोर्ट में हाज़िर नहीं हो रही थीं. जिस पर अदालत ने सख़्त रुख़ अपनाते हुए 21 दिसंबर 2022 को उनके ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया था. वहीं बुधवार को जयाप्रदा ने अदालत में समर्पण करते हुए ज़मानत की अर्ज़ी दाख़िल की. मामला ज़मानती था, लिहाज़ा कोर्ट ने उनकी तरफ़ से पेश की जाने वाली ज़मानत की अर्ज़ी को मंज़ूर कर लिया.


आचार संहिता की ख़िलाफ़वर्ज़ी करने का इल्ज़ाम
कोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद जया प्रदा गाड़ी में बैठकर रवाना हो गईं. वह 10 साल तक रामपुर से समाजवादी पार्टी से एमपी रहीं थीं. 2019 का लोकसभा इलेक्शन में उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर इलेक्शन लड़ा था. उनके मुक़ाबले में आज़म खां ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार लोकसभा का इलेक्शन लड़ा था. जयाप्रदा को इस इलेक्शन में हार का सामना करना पड़ा था. इंतेख़ाबी तश्हीर के दौरान उनके ख़िलाफ़ स्वार थाने में आचार संहिता की ख़िलाफ़वर्ज़ी करने का केस दर्ज हुआ था. इसमें उनके ख़िलाफ़ ग्राम नूरपुर में बग़ैर परमिशन रोड का लोकार्पण करने का इल्ज़ाम लगा था.


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