नई दिल्लीः सरकार ने कहा है कि जरूरी जीवन रक्षक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) में 34 नई अतिरिक्त दवाओं को शामिल करने से कई कैंसर रोधी दवाएं, एंटीबायोटिक्स और टीके अब और ज्यादा किफायती हो जाएंगे और इससे मरीजों का खर्च घटेगा. संक्रमण रोधी दवाएं इवरमेक्टिन, मुपिरोसिन और मेरोपेनेम को भी सूची में शामिल किए जाने के साथ अब ऐसी कुल दवाओं की तादाद 384 हो गई है.


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कुछ दवांए लिस्ट में जोड़ी गई और कुछ को बाहर किया गया है 


चार प्रमुख कैंसर रोधी दवाएं-बेंडामुस्टाइन हाइड्रोक्लोराइड, इरिनोटेकन एचसीआई ट्राइहाइड्रेट, लेनालेडोमाइड और ल्यूप्रोलाइड एसीटेट और मनोचिकित्सा संबंधी दवाओं-निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी और ब्यूप्रेनोर्फिन को भी इस लिस्ट में जोड़ा गया है. हालांकि, 26 दवाओं जैसे कि रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा को संशोधित लिस्ट से हटा दिया गया है. ज्यादा लागत और बेहतर दवाओं की उपलब्धता के मापदंडों की बुनियाद पर इन दवाओं को लिस्ट से बाहर किया गया है.

ये दवाएं भी होंगी सस्ती 
संशोधित सूची में अंतस्रावी दवाओं और गर्भनिरोधक फ्लूड्रोकोर्टिसोन, ओरमेलोक्सिफेन, इंसुलिन ग्लरगाइन और टेनेनिग्लिटीन को जोड़ा गया है. श्वसन तंत्र की दवा मॉन्टेलुकास्ट, और नेत्र रोग संबंधी दवा लैटानोप्रोस्ट का नाम सूची में शामिल है. हृदय और रक्त नलिकाओं की देखभाल में इस्तेमाल की जाने वाली दवा डाबिगट्रान और टेनेक्टेप्लेस के अलावा दूसरी दवाओं ने भी लिस्ट में जगह बनाई है. दवाओं पर स्थाई राष्ट्रीय समिति के उपाध्यक्ष डॉ. वाई के गुप्ता ने कहा, ‘‘एनएलईएम में इवरमेक्टिन, मेरोपेनेम, सेफुरोक्साइम, एमिकासिन, बेडाक्विलाइन, डेलामेनिड, इट्राकोनाजोल एबीसी डोलटेग्रेविर जैसी दवाओं को जोड़ा गया है.’’

इस आधार पर लिया गया फैसला 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मांडविया ने कहा कि एनएलईएम 1996 में बनाई गई थी और इसे पूर्व में 2003, 2011 और 2015 में तीन बार संशोधित किया गया था. एनएलईएम 2022 का संशोधन शिक्षाविदों, उद्योगपतियों और लोक नीति विशेषज्ञों समेत हितधारकों और विश्व स्वास्थ्य संगठन की आवश्यक दवा सूची (ईएमएल)-2021 जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ निरंतर सलाह मशविरा के बाद किया गया है. एनएलईएम से हटाने के मानदंड में भारत में प्रतिबंधित, सुरक्षा को लेकर चिताएं, एंटीमाइक्रोबायल के मामले, बीमारियों की स्थिति, दवा प्रतिरोधी जैसे विषयों पर गौर किया जाता है.

इस सूची में शामिल होने से क्या होता है 
डॉ. गुप्ता ने कहा कि एनएलईएम की दवाएं अनुसूचित श्रेणी में शामिल हैं और उनकी कीमत राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित की जाती है. उन्होंने कहा कि कोविड दवाओं और टीकों को सूची में नहीं जोड़ा गया है, क्योंकि उन्हें आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमति दी गई है. गुप्ता ने कहा, ‘‘समिति ने दवा निर्माताओं, डॉक्टरों, रोगियों और पशु चिकित्सकों सहित सभी हितधारकों द्वारा एंटीमाइक्रोबायल एजेंट के तर्कसंगत उपयोग पर भी बहुत जोर दिया है.’’ 


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