कोलकाताः नए साल के आगमन पर कोलकाता के इको पार्क में मशहूर प्लेबैक सिंगर अरिजीत सिंह (Singer Arijit Singh) के एक प्रस्तावित शोक के रद्द होने के बाद पश्चिम बंगाल में एक ताजा सियासी विवाद शुरू हो गया है. भाजपा ने दावा किया है कि प्रतिष्ठित गायक ने हाल ही में कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (केआईएफएफ) के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में लोकप्रिय गीत ’रंग दे तू मोहे गेरुआ’ गाने की कीमत चुकाई है. इस शो के दौरान ममता के अलावा अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और रानी मुखर्जी जैसे शीर्ष बॉलीवुड सितारे भी मौजूद थे. ये गाना भी शाहरुख खान की फिल्म का है. 


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'रंग दे तू मोहे गेरुआ’ गाना गाने का नतीजा 
भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक, अमित मालवीय ने ट्वीट कर विवाद को जन्म दिया है कि अरिजीत सिंह का शो रद्द करना उनके द्वारा कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के उद्घाटन में 'रंग दे तू मोहे गेरुआ’ गाना गाने का नतीजा था. बच्चन उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए जगह कम होने की बात की थी.  अरिजीत सिंह, जिन्होंने मंच पर ममता बनर्जी के साथ ’रंग दे तू मोहे गेरुआ’ गाया था, उन्हें अब शो से बाहर कर दिया गया है. राज्य सरकार की संस्था हिडको द्वारा ईको पार्क में होने शो को रद्द कर दिया गया है.

असहिष्णुता की नई ऊंचाइयों को छू लिया है
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की यूथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रनील खान ने भी ट्विटर पर पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “अरिजीत सिंह का इको पार्क में शो पश्चिम बंगाल सरकार की संस्था हिडको द्वारा रद्द क्यों किया गया है? अरिजीत के गीत का यह नतीजा है. केआईएफएफ में 'महामहिम’ के सामने 'रंग दे तू मोहे गेरुआ’ गाने की जुरर्रत ने असहिष्णुता की नई ऊंचाइयों को छू लिया है." 

सरकार ने आरोपों से किया इंकार 
हालांकि, राज्य के नगर मामलों और शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए इन इल्जामों से इनकार किया है. हाकिम, जो हिडको के अध्यक्ष भी हैं, ने दावा किया कि शो के आयोजकों ने संगीत समारोह के लिए हिडको को कोई औपचारिक आवेदन नहीं दिया था. उन्होंने बस मौखिक रूप से स्थानीय पुलिस को सूचित किया था. शो का वक्त नए साल के जश्न के साथ मेल खाता है, जब इको पार्क में बहुत सारे लोग इकट्ठा होते हैं. हकीम ने कहा, “वैकल्पिक स्थल की तलाश करें. इसमें कोई राजनीति नहीं है." 


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