`MV गंगा विलास` कराएगी दुनिया की सबसे लम्बी क्रूज़ यात्रा, क्या तैयार हैं आप ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को वाराणसी से गंगा विलास क्रूज का उद्घान करेंगे. यह क्रूज 51 दिनों में भारत और बांग्लादेश के पांच राज्यों के 27 नदियों की पर्यटकों को सैर कराएगा.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी शुक्रवार को वाराणसी से दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज 'एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखाकर इसका उद्घाटन करेंगे. यह क्रूज 51 दिनों में भारत और बांग्लादेश के पांच राज्यों के 27 नदियों की पर्यटकों को सैर कराएगा. वर्ल्ड हेरीटेज वाले स्थानों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी-घाटों के साथ बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों की यह क्रूज यात्रा कराएगा. इस दौरान यह 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा.
एक अफसर ने इतवार को बताया, ’’एमवी गंगा विलास की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड से 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद लेंगे.“
इन ऐतिहासिक स्थलों से गुजरेगा क्रूज
क्रूज वाराणसी में 'गंगा आरती’ से अपना सफर शुरू करेगा और सारनाथ को कवर करेगा, जो बौद्ध धर्म के लिए बहुत श्रद्धा का स्थान रखता है. यह माजुली होकर भी गुजरेगा ,जो दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप और असम में वैष्णवों का केंद्र है. यात्री बिहार स्कूल ऑफ योगा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय का भी दर्शन करेंगे. क्रूज रॉयल बंगाल टाइगर्स के लिए मशहूर बंगाल की खाड़ी में सुंदरबन और एक सींग वाले गैंडों के लिए मशहूर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से भी गुजरेगा.
एमवी गंगा विलास पोत पर मिलने वाली सुविधाएं
एमवी गंगा विलास पोत में तीन डेक, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले बोर्ड पर 18 सुइट्स हैं, जिसमें पर्यटकों के लिए एक यादगार और शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए सभी सुविधाएं हैं. एमवी गंगा विलास पोत 62 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा है. जहाज प्रदूषण मुक्त तंत्र और शोर नियंत्रण तकनीकों से लैस है. डिब्रूगढ़ में एमवी गंगा विलास के पहुंचने की अनुमानित तारीख मार्च 1, 2023 है. भारत में, कोलकाता और वाराणसी के बीच 8 नदी क्रूज जहाजों का संचालन होता है.
दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है क्रूज का बाजार
केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, "एमवी गंगा विलास क्रूज देश में नदी पर्यटन की विशाल क्षमता के द्वार को खोलने की दिशा में एक कदम है. यह भारत को दुनिया के रिवर क्रूज मानचित्र पर स्थापित करेगा. इस क्षेत्र के विकास से अंदर के इलाकों में रोजगार के मौके पैदा होंगे.’’वैश्विक नदी क्रूज बाजार पिछले कुछ सालों में 5 फीसदी की दर से बढ़ा है और 2027 तक क्रूज बाजार के और बढ़ने की उम्मीद है. यूरोप दुनिया में नदी क्रूज जहाजों के लगभग 60 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सबसे तेजी से इस क्षेत्र में विकास कर रहा है.
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