गाजियाबादः आतंकवादियों और चरमपंथियों की आड़ में कई बार लोग आपसी दुश्मनी और अपना मतलब साधने के लिए धमकी भरी चिट्ठी लिखकर एक-दूसरे को फंसाने लगे हैं. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का है. यहां हिंदू संगठनों (Hindu organisations) की हिमायत करने पर सिर कलम किए जाने की धमकी मिलने का इल्जाम लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराने वाले एक डॉक्टर का दावा फर्जी पाया (Ghaziabad doctor fake claim) गया है. इतवार को पुलिस ने अपनी जांच में इसे फर्जी पाया है. अब पुलिस शिकायती डॉक्टर की ही तलाश कर रही है.

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डॉक्टर अरविंद वत्स ने दर्ज कराई थी झूठी शिकायत 
अपर पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने इतवार को बताया कि सिहानी गेट थाना क्षेत्र के लोहिया नगर में क्लीनिक चलाने वाले एक डॉक्टर अरविंद वत्स ने पिछली दो सितंबर को अमेरिका के एक नंबर से व्हाट्सएप कॉल पर उसका सिर कलम करने की धमकी दिए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने इल्जाम लगाया था कि व्हाट्सएप कॉल पर फोन करने वाले ने कहा था कि अगर उसने हिंदूवादी संगठनों की हिमायत करना बंद नहीं किया तो उसका ‘सिर तन से जुदा’ कर दिया जाएगा. इसके बाद उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद भी नहीं बचा पाएंगे.

उसे अमेरिका से कोई कॉल ही नहीं आई थी: पुलिस 
एएसपी अग्रवाल ने बताया कि डॉक्टर की शिकायत पर दर्ज मुकदमे की जब तफ्तीश की गई तो मामला बिल्कुल फर्जी पाया गया. पुलिस ने पाया कि डॉक्टर ने यह केस सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि जांच में यह पाया गया कि उसे अमेरिका से कोई कॉल ही नहीं आई थी, बल्कि दिल्ली के मालवीय नगर निवासी उसके एक मरीज ने उसे चिकित्सीय परामर्श के लिए व्हाट्सएप कॉल की थी. डॉक्टर को अमेरिका से सिर कलम करने की कोई भी धमकी नहीं दी गई है. अग्रवाल ने बताया कि झूठा मुकदमा दर्ज कराने के जुर्म में अब डॉक्टर वत्स की तलाश की जा रही है. पुलिस ने उसके क्लीनिक और घर पर दबिश दी है, लेकिन वह वहां नहीं मिला है. 


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