मधुमेह रोगियों के लिए सरकार ने बाजार में पेश की सीटाग्लिप्टिन की बेहद सस्ती दवा
Govt Launches generic diabetes drug at Janaushadhi Kendras: सरकार ने कहा है कि यह दवा जन-औषधि केंद्रों पर 60 रुपये में उपलब्ध होगा, जबकि ब्रांडेड कंपनियों की इन दवाओं की कीमत 160 रुपए से लेकर 258 रुपए तक है.
नई दिल्लीः सरकार ने मधुमेह की दवा सीटाग्लिप्टिन ( diabetes drug Sitaglipti) और इसके मिश्रण को शुक्रवार को बाजार में पेश किया है. इसके 10 गोलियों के पत्ते की कीमत 60 रुपए रखे गए हैं. इस दवा की बिक्री देश भर में फैले जेनेरिक फार्मेसी स्टोर जन-औषधि केंद्रों (Janaushadhi Kendras) पर होगी. रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा कि भारतीय औषधि और चिकित्सा उपकरण ब्यूरो ने जन औषधि केंद्रों पर सीटाग्लिप्टिन और इसके नए संस्करणों को मुहैया करवाना शुरू कर दिया है. सीटाग्लिप्टिन फॉस्फेट (Sitagliptin phosphate ) की 50 मिलीग्राम की दस गोलियों के पैकेट का अधिकतम खुदरा कीमत 60 रुपये है, और 100 मिलीग्राम की गोलियों का पैकेट 100 रुपए का मिलेगा. इस दवा के सभी प्रकर के दाम ब्रांडेड दवाओं से 60 से 70 फीसदी तक कम हैं वहीं, ब्रांडेड दवाओं की कीमत 160 रुपए से लेकर 258 रुपए तक है.
टाइप 2 मधुमेह वाले वयस्कों के लिए उपयोगी है ये दवा
पीएमबीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि दधीच ने प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत सीटाग्लिप्टिन को लॉन्च किया, जो टाइप 2 मधुमेह वाले वयस्कों में ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार के लिए आहार और व्यायाम के सहायक के रूप में मरीजों को दिया जाता है. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत देश भर में 8,700 से ज्यादा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र खोले गए हैं. बयान में कहा गया है कि ये केंद्र गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं, सर्जिकल उपकरण, न्यूट्रास्यूटिकल्स और अन्य उत्पाद बेचते हैं. वर्तमान में, इन केंद्रों में 1,600 से ज्यादा दवाएं और 250 सर्जिकल उपकरण बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. यहां सैनिटरी पैड भी 1 रुपये प्रति पैड की कीमत पर मिलते हैं.
कैंसर रोधी दवाएं सस्ती; 26 दवाएं सरकारी नियंत्रण से बाहर
इससे पहले सरकार ने जीवन रक्षक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (एनएलईएम) में 34 नई अतिरिक्त दवाओं को शामिल करने की घोषणा की थी. इस वजह से कई कैंसर रोधी दवाएं, एंटीबायोटिक्स और टीके के दाम घटने की संभावनाएं है. संक्रमण रोधी दवाएं इवरमेक्टिन, मुपिरोसिन और मेरोपेनेम को भी सूची में शामिल किए जाने के साथ अब जीवन रक्षक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में शामिल ऐसी कुल दवाओं की तादाद 384 हो गई है. वहीं, सरकार ने 26 दवाओं जैसे कि रैनिटिडिन, सुक्रालफेट, व्हाइट पेट्रोलेटम, एटेनोलोल और मेथिल्डोपा को संशोधित लिस्ट से हटा दिया है.
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