वेरावलः गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में एक मुस्लिम मौलवी के खिलाफ इस बात के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है कि उसने आक्रमणकर्ता महमूद गजनी का बचाव किया था. मौलवी ने कहा था कि महमूद जगनी ने सोमनाथ मंदिर को इसलिए नष्ट कर दिया था, क्योंकि वहां अनैतिक काम हो रहे थे. 


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एक अफसर ने कहा कि श्री सोमनाथ ट्रस्ट के महाप्रबंधक विजयसिंह चावड़ा ने अखिल भारतीय इमाम संघ के सद्र मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है. पिछले महीने कुछ समाचार चैनलों द्वारा प्रसारित एक इंटरव्यू में रशीदी ने मुबैयना तौर पर दावा किया था कि गजनी  ने सोमनाथ के प्राचीन मंदिर को न लूटा था न बर्बाद किया था. इतिहास का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया था कि जब महमूद गजनी को पता चला कि मंदिर के अंदर आस्था और हिंदू देवताओं के नाम पर अनैतिक गतिविधियां की जा रही हैं, तब तथ्यों की तसदीक करने के बाद, उन्होंने मंदिर पर हमला  किया था न कि मंदिर को लूटने और नष्ट करने के इरादे से उसे तोड़ा था था ? 


रशीदी के खिलाफ प्रभास पाटन में भारतीय दंड संहिता की धारा 153। (धर्म, जाति, भाषा आदि की बुनियाद पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जिला पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह जडेजा ने बताया कि हमें पता चला है कि उसने पहले भी इस तरह की भड़काऊ टिप्पणियां की थीं.


गौरतलब है कि गिर सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन में स्थित मंदिर को 11वीं शताब्दी के बाद से मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा बार-बार लूटा और नष्ट किया गया था. इस बात की कई इतिहासकारों ने पुष्टि की है. वहीं, औरंगजेब के बारे में इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं. कुछ इतिहासकारों ने औरंगजेब को मंदिरों को नष्ट करने का आदेश देने की बात लिखकर उसे हिंदू धर्म के प्रति असहिषणु बताया तो कुछ ने लिखा है कि उसने सिर्फ उसी मंदिर को तोड़वाया था, जहां मंदिर की आड़ में काले कारनामे होते थे. लेकिन महमूइ गजनी के बारे में सभी इतिहासकारों ने उसे मंदिर लूटने वाला बताया है. 


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