New Delhi: महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आई है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस खबर की तस्दीक की है. राष्ट्रीय महिला आयोग की चीफ के  मुताबिक, कोविड के दौरान महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की शिकायतों की संख्या में इजाफा हुआ था, लेकिन इसमें अब गिरावट देखी जा रही है.


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एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए, शर्मा ने कहा कि कोविड के दौरान घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई थी और दावा किया कि यह प्रवृत्ति दुनिया भर में देखी गई है. उन्होंने कहा, "घरेलू हिंसा में, दो वर्षों में जब इसे बंद किया गया था, इसमें (घरेलू हिंसा के मामले) वृद्धि हुई थी, लेकिन अब इसमें कमी आई है. कोविड अवधि के दौरान, घरेलू हिंसा में वृद्धि हुई थी और यह एक विश्वव्यापी प्रवृत्ति थी."


राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में जब लॉकडाउन लगाया लगा था, उस वक्त कुल 23,722 में से घरेलू हिंसा की 5,304 शिकायतें दर्ज की गईं. 2019 में आयोग ने 19,730 में से घरेलू हिंसा की 2,960 शिकायतें दर्ज कीं.


वहीं 2021 में दर्ज किए गए कुल 30,864 मामलों में से घरेलू हिंसा की शिकायतों की संख्या 6,633 थी. साल 2022 में दर्ज की गई कुल 30,957  शिकायतों में से 6,970 घरेलू हिंसा से संबंधित थीं और 2023 में, NCW ने कुल 28,811 शिकायतें दर्ज कीं, जिनमें से 6,304 घरेलू हिंसा से संबंधित थीं.


क्या होती है घरेलू हिंसा
घरेलू हिंसा का अर्थ होता है कि कोई भी ऐसा काम जो किसी औरत और बच्चे (18 साल से कम उम्र के बालक और बालिका) के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन पर संकट और आर्थिक क्षति जो बर्दाश्त से बाहर हो या जिससे महिला और बच्चे को दु:ख और बेअदबी बर्दाश्त करनी पड़े, ये सभी घरेलू हिंसा के दायरे में शामिल हैं. 


घरेलू हिंसा को रोकने के लिए सरकार ने कड़े कानून बनाए हैं. जिसमें घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत प्रताड़ित महिला शिकायत दर्ज करा सकती है.