Halala Certificate News: जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट के चीफ महमूद मदनी को बुधवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के जरिए लखनऊ ऑफिस में छह घंटे तक पूछताछ का सामना करना पड़ा है. यह पूछताछ तछाथित तौर पर अवैध तौर पर जारी किए गए हलाल सर्टिफिकेट की चल रही जांच का हिस्सा थी. मदनी को फर्जी 'हलाल सर्टिफिकेट देने' में उनके ट्रस्ट के मिले जुले होने के आरोपों के बाद एसटीएफ ने तलब किया था.


चार लोगों की हुई गिरफ्तारी


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पिछले हफ्ते, एसटीएफ ने हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने काउंसिल की गतिविधियों पर रोशनी डाली थी. एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास किसी भी सरकारी निकाय से मान्यता नहीं है और उसके पास हलाल प्रमाणपत्र जारी करने का कोई अधिकार नहीं है.


पूछताछ में क्या हुआ?


पूछताछ के दौरान, तीन वकीलों के साथ मदनी को ट्रस्ट के संचालन और वित्तीय लेनदेन के संबंध में सवालों का सामना करना पड़ा है. टीओई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मदनी के जरिए कई सवालों के काफी संतोषजनक जवाब दिए गए थे. मदनी और जानकारी आने वाली तारीख में देने पर सहमत हो गए हैं.


बिना वेरिफिकेशन के सर्टिफिकेट देने का आरोप


एक सीनियर एसटीएफ अधिकारी ने कहा कि जांच में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के जरिए प्रोडक्ट्स के बिना वेरिफिकेशन या लैब टेस्टिंग के बिना प्रमाण पत्र जारी करने के मामले सामने आए हैं. परिषद के फाइनेंशियल रिकॉर्ड में खर्च और एक्सपेंडेचर को लेकर भी कई सवाल खड़े हुए हैं.


क्या है पूरा मामला?


हलाल सर्टिफिकेट की कथित जालसाजी की जांच नवंबर 2023 में शुरू हुई जब हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट और हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया सहित आठ एजेंसियों के खिलाफ धार्मिक शोषण का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज की गई. 


क्या लगे आरोप?


यह बताया गया कि हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट जैसी कंपनियां सौंदर्य तेल, साबुन और टूथपेस्ट जैसी शाकाहारी वस्तुओं सहित उत्पादों को नकली हलाल प्रमाणपत्रों के साथ प्रमाणित कर रही थीं. इस तरह की कार्रवाइयां विशिष्ट समुदायों के भीतर भय और चिंता पैदा करती हैं, क्योंकि इन प्रोडक्ट्स को हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं होती है.