नई दिल्लीः गर्मी का मौसम शुरू होते ही देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी ने अपना असर दिखा शुरू कर दिया है. बिहार, बंगाल और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में तापमान सामान्य से ऊपर चला गया है और वहां लू चल रही है. ऐसे में डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लू विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए घातक हो सकती है. सोमवार को देश भर के लगभग 36 मौसम केंद्रो, खास तौर से मध्य और उत्तर भारत में, तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया था. 


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दिल्ली में अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री ज्यादा है. यहां लगातार तीसरे दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा है. 
डॉ. अनूप लातेने, कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन, सूर्या मदर एंड चाइल्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल पुणे के मुताबिक, ज्यादा गर्मी जानलेवा हो सकती है. उन्होंने कहा कि हर मानव शरीर पर हीटवेव का प्रभाव अलग-अलग हो सकता है, “बच्चों, गर्भवती महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को ज्यादा गर्मी के असर को कम करने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें दिन में घर के बाहर जाने से परहेज करना चाहिए.’’ 


लू लगने के ये लक्षण हो सकते हैं प्रकट 
वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजीव गुप्ता कहते हैं, “इन समूहों को अत्यधिक तापमान के संपर्क में आने पर निर्जलीकरण का अनुभव होने की अधिक संभावना रहती है. बच्चों में, हीटवेव से चक्कर आना, अत्यधिक पसीना आना, मतली/उल्टी और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है. गंभीर मामलों में, व्यक्तियों को हीट स्ट्रोक का भी सामना करना पड़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप दौरे भी पड़ सकते हैं.’’ गर्मी के अन्य प्रतिकूल प्रभावों में सुस्ती, शरीर में दर्द, कमजोरी, और गंभीर मामलों में, गुर्दा की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी, रक्तचाप में गिरावट और बुखार के लक्षण भी प्रकट हो सकते हैं. 

कम 2-2.5 लीटर पानी जरूर पिएं 
हीटवेव के पूर्वानुमानों के पहले कई राज्य सरकारों ने स्कूलों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें स्कूल बंद करना, दोपहर के दौरान सभा नहीं करना और बच्चों को हाइडरेट रखने की सलाह देना भी शामिल है. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जनता को सावधानी बरतने और हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी है. प्रतिदिन कम से कम 2-2.5 लीटर पानी का  सेवन करना, किसी भी लक्षण के प्रकट होने पर, नमक-पानी, नमक के साथ नारियल पानी और नमक के साथ नींबू पानी का सेवन किया जा सकता है.  गर्मी में लंबे समय तक रहने, गर्मी में व्यायाम करने से बचने की सलाह दी गई है. 

खुद को रखें हाइड्रेटेड 
डॉ. अजय अग्रवाल, डायरेक्टर और हेड-इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा कहते हैं, “हीटस्ट्रोक एक गंभीर चिकित्सीय स्थिति है. इसका अगर तुरंत इलाज नहीं किया गया तो यह घातक हो सकता है.“ उन्होंने लोगों को धूप के सीधे संपर्क से बचने, हाइड्रेटेड रहने, व्यायाम करते समय हाइड्रेशन के लिए ब्रेक लेने और शारीरिक गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी है. डॉक्टरों ने गर्भवती महिलाओं को प्रोटीन का सेवन कम करना, उच्च पानी की मात्रा वाले फलों और सब्जियों का ज्यादा सेवन करने और ढीले-ढाले कपड़े पहनने की सलाह दी है.
 


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