Heatwaves India: भारत का मौसम तेजी से बदला है. उत्तर भारत में जहां फरवरी के महीने में सर्दी होती है, वहीं इस बार काफी मौसम गर्म देखने को मिल रहा है. अब भारत के मौसम को लेकर एक बड़ा अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में मार्च और मई के लू (Heatwaves) चल सकती हैं. ये खासतौर पर उत्तर और मध्य भारत में हो सकता है. एक्सपर्ट्स की माने तो ऐसा होना सही नहीं है.


क्या होगा इससे नुकसान?


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आपको जानकारी के लिए बता दें लगातार दूसरे साल लू चलने से गेहूं, रेपसीड और चना के उत्पादन में कमी आ सकती है और खाद्य मुद्रास्फीति को कम करने के लिए सरकार की कोशिशों में मुश्किल आ सकती है. गर्मी का ज्यादा होना पावर सप्लाई की डिमांड को बी बढ़ाएगा. जिसकी वजह से बिजली की समस्या पैदा हो सकत है. 


भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने एक बयान में कहा है "मार्च से मई के मौसम के दौरान मध्य और आसपास के उत्तर पश्चिम भारत के कई क्षेत्रों में लू की संभावना बढ़ सकती है." मार्च का महीना सर्दियों में बोई गई फसलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसे में गर्मी का बढ़ना फसलों के लिए समस्या का बयस बन सकता है. 


गेंहू की फसल पहले ही गर्मी की मार झेल रही है. अगर लू चलती है तो अनाज के उत्पाद में भारी नुकसान हो सकता है. भारत में एक साल में एक बार अनाज की फसल होती है. जिसकी बुआई अक्टूबर और नवंबर में होती है और मार्च से इसकी कटाई शुरू हो जाती है. बता दें फरवरी के महीने में अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस रहा है. 1901 के बाद ऐसा पहली बार देख जा रहा है. भारत में फरवरी के महीने में कई बारिशें होती हैं. लेकिन इसबार 68 फीसद कम बारिश हुई है. 


सरकारी अधिकारियों ने पिछले साल चेतावनी दी थी कि दक्षिण एशियाई देश भविष्य में और अधिक लू और अधिकतम तापमान देख सकते हैं. यहां तक कि मानसून के मौसम के दौरान भी, पिछले दो दशकों से बढ़ रहा है.