शरीफ उद दीन/गुआहाटी: असम से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक मुस्लिम परिवार पर इल्जाम लग रहा था कि वह हिंदू लड़की पर दबाव डालकर उसका धर्म बदलवा रहे हैं. इस पर हिंदू लड़की ने मीडिया के सामने खुद आकर बयान दिया है. लड़की का कहना है कि वह हिंदू और उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है. हिंदू लड़की का नाम नंदिता सोनारी है. 


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बचपन से मुसलिम घर में रही नंदिता


नंदिता सुनारी बचपन से ही एक मुस्लिम परिवार के घर में रह रही है. परिवार के मुखिया का नाम खलीकुज जमान है. नंदिता सोनारी के परिवार वाले बहुत गरीब थे और नंदिता का कहना है कि बचपन में ही खलीकुज जमान के घर वालों ने नंदिता को गुवाहाटी के चांदमारी के घर में लाया और वहीं पर लालन-पालन किया. उसके बाद से ही वहां पर ही स्कूल में एडमिशन करवा दिया गया. अभी वह 21 साल की उम्र की है और अपना बुरा-भला खुद समझ सकती है. लेकिन कुछ संगठनों का इल्जाम है कि मुस्लिम परिवार ने दबाव डालकर नंदिता को मुसलमान बनाया.  
नंदिता सोनारी ने इल्जामों का खंडन किया है.


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परिवार के सपोर्ट में खड़ी हुई लड़की


बताया जाता है कि जब संगठन ने मुस्लिम परिवार पर दबाव डालकर नंदिता का धर्म बदलवाने का इल्जाम लगाया तो नंदिता ने इसका खंडन किया. नंदिता ने कहा कि यह सरासर गलत है. हमारे मुस्लिम परिवार पर ऐसे ही गलत इल्जाम लगाए जा रहे हैं. मैं हिंदू धर्म से ही हूं. लड़की ने खुद कहा कि मुझे मुसलमान बनने के लिए किसी ने दबाव नहीं दिया. मैं जन्म से ही हिंदू थी और अभी भी हिंदू हूं. लड़की का कहना है कि मैं जिस परिवार के पास बचपन से रही हूं वह परिवार मुसलमान है, लेकिन उन्होंने मुझे अपने बच्चे की तरह लालन-पालन किया. अभी मेरी उम्र 21 साल है. असामाजिक संगठन एक अफवाह फैला रहे हैं कि मुझे मुसलमान बना दिया गया. यह गलत है. मेरे पास मेरा डॉक्यूमेंट है. बैंक पासबुक है. पैन कार्ड है सभी में मेरा नाम हिंदू है.


लड़की ने कहा वह हिंदू है


लड़की ने कहा कि मैं हिंदू ही हूं. मेरा स्कूल सर्टिफिकेट भी हिंदू नाम का ही है. मेरा नाम नंदिता था. अभी भी नंदिता ही है. मैं इस मुस्लिम परिवार के साथ ही रहूंगी और यहीं पर खुश हूं. यह गलत अफवाह फैलान वाले सिर्फ बदनाम कर रहे हैं. नंदिता सोनारी ने जी सलाम से बात करते हुए कहा कि "यह बहुत गलत बात है. मुझे इस मुस्लिम परिवार ने कभी हिंदू से मुसलमान बनने की दबाव नहीं दिया. वह लोग मुझे बड़े प्यार से बचपन से ही रख रहे हैं और मैं हिंदू धर्म में ही हूं. अभी मेरी 21 साल की उम्र हुई है मैं अपने बारे में बुरा-भला समझ सकती हूं. मैं खालीकुज जमान अहमद के गुवाहाटी के सांडमारी के घर में ही रहूंगी. 


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