Assam-Meghalaya Border Dispute: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने असम-मेघालय बॉर्डर पर 22 नवंबर को हुई फ़ायरिंग के मामले का नोटिस लिया है और केंद्रीय गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव से दो रियासतों के बीच विवाद वाले इलाक़ों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए दो हफ़्ते के अंदर उपाय बताने को कहा है. 22 नवंबर की घटना में मेघालय के पांच ग्रामीणों और असम के एक फॉरेस्ट गार्ड की जान चली गई थी और दो और शहरी शदीद तौर पर ज़ख़्मी हो गए थे.


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यह एक बड़ा मुद्दा है:NHRC
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा के ज़रिए सौंपे गए एक मेमोरेंडम पर नोटिस लिया है, जिसमें ज़िक्र किया गया है कि नवंबर में वेस्ट जयंतिया हिल्स ज़िले के मुकरोह गांव में असम पुलिस और असम फॉरेस्ट गार्ड द्वारा की गई गोलीबारी में एक असम वन रक्षक समेत छह लोगों की मौत हो गई थी. मंगल को जारी एक बयान में कहा गया है कि कमीशन को ऐसा लगता है कि यह वाक़्या दो रियासतों असम और मेघालय के बीच सरहदी तनाज़े की वजह से हुआ है, जो एक बड़ा मुद्दा है और काफ़ी समय से लंबित है. इसमें कहा गया है कि पहली नज़र में ऐसा लगता है कि अगर इस विवाद का हल हो जाता तो ऐसा वाक़्या पेश नहीं आता.


'दो सप्ताह में जवाब मिलने की उम्मीद'
इस मामले में एनएचआरसी ने कहा, "राज्यों के बीच जो भी विवाद हो, पुलिस को ऐसे हालात में सब्र से काम लेना होगा. कमीशन ने मेघालय के सीएम का ज्ञापन गृह सचिव और असम के मुख्य सचिव को भेज दिया है
बयान में कहा गया है, "उन्हें तंत्र की जांच और विकास करना है और इस तरह के वाक़्यात को रोकने के तरीक़े बताने हैं, खासकर उन इलाक़ों में जहां पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद है. जवाब दो सप्ताह में मिलने की उम्मीद है". बता दें कि वेस्ट कार्बी आंगलोंग ज़िले में असम-मेघालय सरहद पर ग़ैर क़ानूनी तौर से लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर की सुबह पुलिस की तरफ़ से रोके जाने के बाद हिंसा भड़क गई थी जिसमें छह लोगों की जान चली गई थी. 


क्या है मामला
दरअसल, असम और मेघालय 884.9 किलोमीटर लंबी सीमा शेयर करते हैं और दोनों के बीच 12 इलाक़ों को लेकर लंबे वक़्त से झगड़ा चल रहा है. क्योंकि दोनों रियासतें इन इलाकों में अपना-अपना दावा करती रहती हैं, यही वजह है कि बार-बार इन इलाकों में झड़पों की ख़बरें आती रहती हैं.