Waqf Amendment Bill: वक्फ विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक से एक दिन के लिए निलंबित किए गए तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि पिछले हफ्ते समिति की बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने उन्हें उकसाया और कांच की बोतल फोड़कर फेंकने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. बनर्जी ने मीडिया से कहा, "मैंने बैठक में कहा था कि समिति के अध्यक्ष पर इसे (टूटी बोतल) फेंकने की मेरी कोई मंशा नहीं थी और मुझे खेद है." 


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कांच की बोतल फेंकी थी
वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति की बैठक में बनर्जी ने कांच की बोतल तोड़कर समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की ओर फेंक दी थी. इसके बाद उन्हें समिति की बैठक से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था. भाजपा सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को खत लिखकर तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य को सदन से निलंबित करने और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी. 


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अभद्र भाषा का इस्तेमाल
उस दिन के घटनाक्रम पर पहली बार सार्वजनिक तौर से अपना पक्ष रखते हुए बनर्जी ने कहा कि वह 22 अक्टूबर को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक में गंगोपाध्याय को उनके इल्जामों और व्यक्तिगत हमलों पर जवाब देने के लिए मजबूर थे. टीएमसी नेता ने इल्जाम लगाया, "जब गंगोपाध्याय बोल रहे थे, तो मैंने उनसे सवाल किया. फिर उन्होंने मेरे और मेरे परिजनों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. मैंने जवाब दिया लेकिन उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल जारी रखा...." 


हाथ में आई चोट
बनर्जी ने इल्जाम लगाया कि अध्यक्ष का रुख उनके प्रति कठोर और गंगोपाध्याय के प्रति उदार था. सीनियर अधिवक्ता और टीएमसी नेता ने कहा, "इससे निराशा हुई.. इसे (जिसने) शुरू किया, उसकी नहीं बल्कि मेरी खिंचाई की गई... तब मैं निराश हो गया, नाराज नहीं था." उन्होंने कहा कि उस समय उन्होंने अपने हाथ में पकड़ी हुई बोतल को तोड़ दिया और इससे उनकी उंगलियों में चोट आई. बनर्जी ने कहा, "जब मैं चोटिल हो गया, तो मुझे बोतल छोड़नी पड़ी और वह अध्यक्ष की ओर लुढ़क गई... दूसरे दिन ही मैंने बैठक में कहा कि मेरा इसे अध्यक्ष पर फेंकने का कोई इरादा नहीं था और मुझे खेद है." टीएमसी नेता ने गंगोपाध्याय पर निशाना साधते हुए कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनका रिकॉर्ड विवादास्पद था.