Chanda Kochhar Case: CBI को बॉम्बे HC की फटकार; सत्ता का दुरुपयोग है कोचर दंपत्ति की गिरफ्तारी
Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 20 फरवरी को सीबीआई के जरिए आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं. अदालत ने जांच एजेंसी द्वारा कोचर कपल की गिरफ्तारी को गैर कानूनी करार दिया है.
ICICI Loan Case: बॉम्बे हाईकोर्ट ने लोन धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को सत्ता का गलत इस्तेमाल करार देते हुए कहा कि कोचर कपल की गिरफ्तारी बिना सोचे समझे और कानून का उचित पालन किये बिना की गयी थी. जस्टिस अनुजा प्रभुदेसाई और जस्टिस एन. आर. बोरकर की पेंच ने छह फरवरी को कोचर की गिरफ्तारी को गैर कानूनी ठहराया था और जनवरी 2023 में एक अन्य बेंच द्वारा उन्हें जमानत देने के अंतरिम आदेश की पुष्टि की थी.
सोमवार को उपलब्ध कराए गए आदेश के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि सीबीआई उन परिस्थितियों या सहायक तथ्यों के अस्तित्व को प्रदर्शित करने में असमर्थ रही है, जिसकी बुनियाद पर गिरफ्तारी का फैसला लिया गया था. इसमें कहा गया है कि इन हालात और तथ्यों की अनुपलब्धता गिरफ्तारी को अवैध बना देती है. कोर्ट ने कहा, "सोच विचार किये बिना और कानून का उचित सम्मान किए बिना इस तरह की नियमित गिरफ्तारी ताकत का गलत इस्तेमाल है". अदालत ने जांच एजेंसी की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया कि गिरफ्तारी इसलिए की गई, क्योंकि कोचर जांच में तआवुन नहीं कर रहे थे और कहा कि मुल्जिमीन को पूछताछ के दौरान चुप रहने का अधिकार है.
वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक लोन मामले में सीबीआई ने 23 दिसंबर, 2022 को कोचर जोड़े को गिरफ्तार किया था. उन्होंने फौरी तौर पर गिरफ्तारी को चैलैंज देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया और इसे गैर-कानूनी करार देने की मांग की तथा अंतरिम आदेश के माध्यम से जमानत पर रिहा करने की मांग की. अदालत ने नौ जनवरी, 2023 को एक अंतरिम आदेश जारी करके कोचर जोड़े को जमानत दे दी. बेंच ने कहा कि जून 2022 से जब भी कोचर कपल को दफा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया, तब वे सीबीआई के सामने पेश होते रहे. सीबीआई ने दावा किया था कि कोचर को गिरफ्तार किया गया था क्योंकि वे जांच में मदद नहीं कर रहे थे और साजिश के पूरे पहलू का पता लगाने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ की जरूरत थी.