नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में कुल 60.72 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर बैंक का इसका निजीकरण (privatisation) करने के लिए  बोलियां आमंत्रित कीं है. सरकार एलआईसी के साथ मिलकर इस वित्तीय संस्थान में यह हिस्सेदारी बेचेगी. इसके लिए बोलियां जमा करने या अभिरुचि पत्र (ईओआई) जमा करने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर, 2022 तय की गई है.
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने कहा है कि बोली लगाने वाले संभावित निवेशक के पास न्यूनतम 22,500 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति होनी चाहिए. साथ ही बोली लगाने के लिए पात्रता की शर्त के तौर पर निवेशक कंपनी को पिछले पांच में से तीन वर्षों में शुद्ध लाभ की स्थिति में होना जरुरी है.

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निवेशक के लिए शर्तें और योग्यता 
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के मुताबिक, आवेदन करने वाले एक कंसोर्टियम में अधिकतम चार सदस्यों की इजाजत होगी. सफल बोलीदाता को अधिग्रहण की तारीख से पांच साल के लिए इक्विटी पूंजी का कम-से-कम 40 फीसदी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित रखना होगा. इसके अलावा सरकार ने बड़े औद्योगिक/कॉरपोरेट घरानों या व्यक्तियों को बोली प्रक्रिया में भाग लेने से भी रोक लगा दी है.

34 फीसदी तक रह जाएगी सरकार की हिस्सेदारी 
भारतीय जीवन बीमा निगम के पास इस वक्त आईडीबीआई बैंक में 529.41 करोड़ शेयरों के साथ 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि केंद्र सरकार के पास 488.99 करोड़ शेयरों के साथ 45.48 फीसदी हिस्सेदारी है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग अनुसार, इस प्रक्रिया में सरकार की 30.48 प्रतिशत और एलआईसी की 30.24 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जाना है. दोनों की हिस्सेदारी मिलकर आईडीबीआई बैंक की इक्विटी शेयर पूंजी का 60.72 प्रतिशत हो जाता है. सफल बोली के बाद आईडीबीआई बैंक में नियंत्रण हिस्सेदारी भी संभावित खरीदार को स्थांतरित हो जाएगी. हिस्सेदारी बिक्री के बाद बैंक में एलआईसी और सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी घटकर 34 फीसदी तक रह जाएगी. 

सरकार का विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य 
इस बीच, आईडीबीआई बैंक का शेयर बीएसई सेंसेक्स पर पिछले बंद के मुकाबले 0.71 फीसदी की बढ़त के साथ 42.70 रुपये पर बंद हुआ. मौजूदा बाजार मूल्य पर इस बैंक में 60.72 फीसदी हिस्सेदारी का मूल्य 27,800 करोड़ रुपए से ज्यादा बैठेगा. एलआईसी द्वारा बैंक की कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 51 फीसदी हासिल करने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 जनवरी, 2019 से आईडीबीआई बैंक को निजी क्षेत्र के बैंक के रूप में वर्गीकृत कर दिया था. उल्लेखनीय है कि सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें से 24,544 करोड़ रुपये वह पहले ही जुटा चुकी है.


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