नई दिल्लीः अग्निपथ योजना के तहत सशस्त्र बलों में भर्ती होने के ख्वांहिशमंद सभी उम्मीदवारों को इस बात का हलफनामा देना होगा कि वे किसी प्रदर्शन, आगजनी या तोड़फोड़ में शामिल नहीं रहे हैं. एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने इतवार  को यह जानकारी दी है. सेना के तीनों अंगों-थलसेना, वायुसेना और नौसेना- में भर्ती की नई स्कीम के खिलाफ चल रहे हिंसक प्रदर्शन के बीच सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने ये बात कही है.सरकार ने बीते मंगलवार को इस नई स्कीन की घोषणा की थी. 
 



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भर्ती के पहले पुलिस सत्यापन कराना होगा अनिवार्य  
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने तीनों सेनाओं की मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की बुनियाद अनुशासन है. यहां विरोध-प्रदर्शन आगजनी के लिए कोई जगह नहीं है. लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि अग्निपथ के खिलाफ आगजनी और हिंसा का हिस्सा रहे नौजवान सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि इस स्कीम के तहत किसी को भी भर्ती करने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन कराया जाएगा. पुलिस सत्यापन के बिना कोई भी व्यक्ति सशस्त्र बलों में भर्ती नहीं हो सकेगा. लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए इन कोचिंग संस्थानों में अध्ययन कर रहे करीब 70 प्रतिशत नौजवान गांवों से हैं. वे कर्ज लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें कोचिंग संस्थानों ने भड़काया था. 


 


नौजवानों से परीक्षा के लिए तैयारी करने की अपील
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने नौजवानों से भर्ती परीक्षा के लिए तैयारी शुरू करने की भी अपील करते हुए कहा कि शारीरिक फिटनेस जांच में सफल होना आसान नहीं होता है. उन्होंने कहा, ‘‘थलसेना, नौसेना और वायुसेना ‘फिजिकल फिटनेस टेस्ट’ की तैयारी करने और नियम व शर्तों को समझने के लिए युवाओं को 45 से 60 दिनों का वक्त देती है, ताकि आप हमारे पास आने के लिए तैयार हो जाएं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ लगातार दूसरे दिन एक बैठक करने के कुछ घंटों बाद रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय में तीनों सेनाओं की मीडिया ब्रीफिंग हुई.


Zee Salaam