लखनऊः अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण के काम में तेजी के बीच धन्नीपुर में मस्जिद (Masjid) की तामीर के लिए गठित इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) और ज्यादा वित्तीय सहयोग जुटाने के लिए पहली बार कार्य योजना तैयार कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के हुक्म पर अयोध्या के धन्नीपुर गांव में मुसलमानों को दी गई पांच एकड़ जमीन पर आईआईसीएफ एक मस्जिद के साथ-साथ, अस्पताल, पुस्तकालय, सामुदायिक रसोई और एक रिसर्च संस्थान का निर्माण कराएगा.

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अबतक 25 लाख रुपए हुए हैं जमा 
फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि संस्था के सद्र जफर फारुकी की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम ने पिछली 12 अगस्त को फर्रुखाबाद जाकर पहली बार अयोध्या में मस्जिद और दीगर जन सुविधाओं के निर्माण के लिए लोगों से चंदा देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस दौरान मौजूद लोगों ने मस्जिद की तामीर के लिए एक करोड़ रुपए जुटाने का वादा किया और उसी वक्त बारकोड के जरिए डिजिटल तरीके से करीब ढाई लाख रुपए इकट्ठा भी हो गए. इससे पहले फाउंडेशन ने बिना किसी बड़े मुहिम के 25 लाख रुपए इकट्ठे कर लिए हैं.

15 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में होगी मस्जिद 
हुसैन ने कहा कि उम्मीद है कि एक महीने के अंदर मस्जिद और अन्य इमारतों का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण से हासिल कर लिया जाएगा. नक्शा मिलते ही बाकी रकम से तामीर का काम शुरू कर दिया जाएगा. हुसैन ने बताया कि सबसे पहले अस्पताल का निर्माण करके ओपीडी शुरू कर दी जाएगी. अगर मुमकिन हुआ तो साथ ही साथ धन्नीपुर की मस्जिद का फर्श तैयार कर वहां नमाज का सिलसिला भी शुरू कर दिया जाएगा. मस्जिद का निर्माण 15 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में होगा और उसका कवर्ड एरिया 10 हजार वर्ग फुट रहेगा.

हिंदू और मुसलमान दोनों दे रहे हैं चंदा 
आईआईसीएफ के सचिव ने कहा कि हमारा मानना है कि फाउंडेशन को लेकर ढाई साल पहले मुसलमानों की जो राय थी वह अब काफी हद तक तब्दील हो चुकी है. लोग अब उस पर यकीन कर रहे हैं. शुरू में गैर मुस्लिम समाज के लोगों ने फाउंडेशन को काफी चंदा दिया, लेकिन अब मुसलमान भी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. हुसैन ने कहा कि महाराष्ट्र में मुंबई और गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार के विभिन्न जिलों से भी लोग फाउंडेशन की टीम को बुला रहे हैं. हम लोग अब अपना ’रूट मैप’ बना रहे हैं ताकि इन सभी जगहों पर पहुंचा जाए और लोगों से चंदा जमा किया जाए. 

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था पांच एकड़ जमीन देने का हुक्म 
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में नौ नवंबर 2019 को सुनाए गए अपने ऐतिहासिक फैसले में विवादित स्थल को राम जन्मभूमि तस्लीम करते हुए वहां मंदिर का निर्माण कराने और मुसलमानों को मस्जिद की तामीर करने के लिए अयोध्या के किसी दूसरी जगह पर पांच एकड़ जमीन देने का हुक्म दिया था. इसके बाद सरकार ने मुस्लिम फरीक को अयोध्या की सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में जमीन दी थी.


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