नई दिल्ली: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने गुरुवार को योग गुरु रामदेव के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए एलोपैथी पर उनके मुबैयना तौर पर 'गुमराह कुन और गलत बयानी' को लेकर FIR दर्ज करने की मांग की.


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IMA ने आईपी ​​एस्टेट पुलिस थाने में दी गई अपनी शिकायत में कहा कि रामदेव ने कोविड-19 से मुत्तासिर मरीज़ो के इलाज के बारे में 'जानबूझकर और सोच समझकर झूठी, बेबुनियाद और अफसोसनाक जानकारी फैलाई.' दिल्ली पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा,  'हमें शिकायत मिली है और जांच की जा रही है.'


आईएमए की 27 मई की शिकायत में कहा गया है, 'स्वामी रामदेव ने कोविड की सूरते हाल का फायदा उठाने के लिए अपने खुफिया हुक्मों को आगे बढ़ाने के वास्ते आवाली मंच पर एलोपैथिक दवाओं और कोविड-19 वायरस के लिए मॉडर्न मेडिकल साइंस के दूसरे अलाइड ट्रीटमें तकनीकों के बारे में गुमराह कुन और गलत बयानी की है.'


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आईएमए ने कहा है, 'एक वीडियो सामने आया है जिसे पूरे सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर साझा किया जा रहा है, जिसमें स्वामी रामदेव को कोविड-19 से मुतासिर मरीज़ो के इलाज के सिससिले में जानबूझकर और सोच समझकर झूठी, बेबुनियाद और अफसोसनाक जानकारी फैलाते हुए देखा गया है.'


आईएमए ने इससे पहले वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मांग की थी कि वैक्सीनेशन पर गलत जानकारी फैलाने और कोविड​​​​-19 के इलाज के लिए सरकारी प्रोटोकॉल को चुनौती देने के लिए योग गुरु रामदेव के खिलाफ राजद्रोह के इल्ज़ामों के तहत फौरन मामला दर्ज किया जाए.


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आईएमए ने रामदेव को एलोपैथी और एलोपैथी डॉक्टरों के खिलाफ उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए मानहानि का नोटिस भी दिया है, जिसमें उनसे 15 दिनों के भीतर माफी मांगने की मांग की गई है. आईएमए ने अपने नोटिस में कहा है कि अर रामदेव ने ऐसा नहीं किया जो तो वह योग गुरु से 1,000 करोड़ रुपये की मुवाज़ा की मांग करेंगे.


रविवार को रामदेव को उस वायरल वीडियो क्लिप में दिए गए उस बयान को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा था जिसमें वह कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल उठाते और यह कहते सुने गए थे कि 'कोविड-19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग की मौत हो गई.'
(इनुपट- पीटीआई)


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