इस्लाम में `संग्गे अस्वद` की क्या है अहमियत? शिवलिंग से तुलना पर बढ़ा विवाद, सांसद इमरान मसूद ने जारी किया बयान
Saharanpur News: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के जुड़वा भाई नोमान मसूद के विवादित बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है. इस बीच, सांसद ने बयान जारी कर सफाई दी है. आइए जानते हैं क्या है पूरा विवाद.
Uttar Pradesh: सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के जुड़वा भाई नोमान मसूद के 'हजरे अस्वद' से 'शिवलिंग' की तुलना वाले बयान को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालांकि, अब इस विवादित बयान को लेकर इमरान मसूद ने सफाई दी है. सांसद ने अपने फेसबुक पर भाई के बयान पर प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस नेता मसूद ने अपने भाई से कहा, "जिस चीज के बारे में तुम्हें कुछ पता ही नहीं, उसके बारे में तुम ज्ञान क्यों बांट रहे हो?" उन्होंने कहा कि मैं नोमान के बयान से पूरी तरह असहमत हूं. इसके अलावा इमरान ने अपने सपोर्टरों से यह भी कहा कि जीत का मतलब अहंकार नहीं है, जीत का मतलब विनम्रता है. अल्लाह ने हमें जनता की सेवा करने का मौका दिया है.
सांसद ने आगे कहा, "साथियों, सोशल मीडिया पर लगातार कुछ ना कुछ चल रहा है. कुछ लोगों को मेरा जीतना ओर काम करना पसंद नहीं आ रहा है. कुछ अति उत्साह में उल्टा सीधा बोल रहे हैं. मैं उनको कहना चाहता हूं कि मैं काम करने के लिए जीता हूं. खाली बैठकर आरोप-प्रत्यारोप के लिए नहीं. नोमान मसूद के बयान से मैं पूरी तरह असहमत हूं. ये काम हमारा नहीं है. ये उलेमा हजरात और शंकराचार्य आदि जो धार्मिक ज्ञान रखते हैं, वो ही ऐसे मामलों पर ज्ञान दें, नोमान को तुरंत तौबा करनी चाहिए."
मौलाना कारी इसहाक ने नोमान मसूद के बयान पर जाहिर की नाराजगी
विवाद को बढ़ता देख मौलाना कारी इसहाक गोरा ने भी नोमान मसूद के बयान पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग और यहां तक कि कुछ मुसलमान भी, कम इल्मी और गलतफहमी की वजह से ये मानते हैं कि शिवलिंग और संग्गे अस्वद एक ही हैं, जो बिल्कुल गलत है. ये गलतफहमी न सिर्फ इस्लाम के उसूलों के खिलाफ है, बल्कि ईमान के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती है.
"संग्गे अस्वद और शिवलिंग के बीच कोई धार्मिक समानता नहीं है"
मैलाना ने आगे कहा, "हिंदू धर्म के मुताबिक शिवलिंग हिंदुओं के लिए इबादत का प्रतीक है और इसकी पूजा की जाती है.लेकिन इस्लाम में अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत करना हराम है. संग्गे अस्वद को सिर्फ एक इज्जत और पैगम्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की सुन्नत के तौर पर चूमा जाता है, न कि इबादत के लिए. इस्लाम में संग्गे अस्वद और शिवलिंग के बीच कोई धार्मिक समानता नहीं है."
महामंडलेश्वर कमल किशोर ने क्या कहा?
वहीं, इस मामले पर महामंडलेश्वर कमल किशोर ने कहा कि जब किसी चीज के बारे में जानकारी ना हो तो उस पर फालतू की बयानबाजी करना सही नहीं है. उन्होंने कहा, "शिवलिंग उस परमात्मा और उस ज्योति का प्रतीक है, जो हमारी आत्मा में बसती है. संग्गे अस्वद जन्नत से आया है, आप मानते रहो लेकिन हमारी आत्म को ठेस मत पहुंचाओ. हम अगर आपकी आस्था को नहीं छेड़ते तो आपको कोई हक नहीं हमारी आस्था को छेड़ें.उन्हें ऐसी बातें नहीं कहनी चाहिए."
इस्लाम में संग्गे अस्वद की क्या है अहमियत?
संग्गे अस्वद एक पत्थर है, जो काबा शरीफ के एक कोने में है. इस पत्थर की अहमियत इस्लाम में बहुत ऊंची है. पैगंबर हजरत इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) और उनके बेटे हजरत इस्माईल (अलैहिस्सलाम) ने काबा की तामीर के वक्त संग्गे अस्वद को स्थापित किया था. इस्लाम में इस पत्थर को छूना और चूमना हज और उमरा के अरकान (अनुष्ठानों) में से एक है. ये अमल हाजियों के लिए सुन्नत है और इसे पैगम्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने भी किया था. संग्गे अस्वद की इबादत नहीं होती, बल्कि यह अल्लाह की याद दिलाने और उसके हुक्म की पैरवी करने का एक निशान है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कांग्रेस नेता के भाई नोमान मसूद ने कांवड़ कैंप में लोगों को खिताब करते हुए कहा था कि जिसे शिवलिंग कहते हैं, उसे हम अपने मजहब में हजरे अस्वद कहते हैं और ये दोनों एक ही हैं. इसके बाद नोमान का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इसके बाद लोगों ने नोमान और इमरान मसूद को निशाने पर ले लिया और जमकर आलोचना करने लगे.