UP Politics: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़ा मुस्लिम राजनीति चेहरा इमरान मसूद की घर वापसी होगी. मसूद को बीएसपी ने पार्टी से सस्पेंड कर दिया था, जिसके बाद लगातार अटकलें लगाई जा रही थी कि मसूद फिर से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं. अब इसकी पुष्टि खुद इमरान मसूद ने की है. उन्होंने कहा कि वह 7 अक्टूबर को अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में कांग्रेस ( INC ) में शामिल हो जाएंगे. 


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मसूद ने  बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा इलेक्शन में समाजवादी पार्टी में जाकर संतुष्ट थे, लेकिन पार्टी में हमारी ज्यादा बात नहीं बन पाई और ऊपर से हमारे समर्थकों का बहुत दबाव था. जिसकी वजह से मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया. फिर मैंने बीएसपी ज्वाईन किया लेकिन पार्टी ने हमें सस्पेंड कर दिया. हालांकि, मैं अब फिर से अपनी पुरानी पार्टी में वापसी करने जा रहा हूं. उन्होंने कहा, "कांग्रेस का काफी अच्छा भविष्य है. पार्टी को मजबूत करूंगा अगर पार्टी टिकट देती है तो देखा जाएगा. फिलहाल अभी 7 अक्टूबर को अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में कांग्रेस ज्वाइन करूंगा".


इस वजह से बसपा ने पार्टी से किया सस्पेंड
गौरतब है कि, विधानसभा चुनाव 2022 से पहले इमरान मसूद ने कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली प्रदेश प्रभारी का पद छोड़ दिया था. उसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ सपा में चले गए थे, लेकिन वहां इमरान को या उनके किसी भी साथी पार्टी ने टिकट नहीं दिया, जिसके बाद इमरान का सपा से मोहभंग हो गया जिसके चलते उन्होंने आखिरकार पार्टी छोड़ दिया और बीएसपी का दामन थाम लिया.


जानकारी के मुताबिक, बसपा ने उनकी भाभी को मेयर का टिकट देकर मैदान में उतारा,लेकिन वो चुनाव हार गईं.मसूद ने पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तारीफ की थी जिसके बाद बीएसपी ने पार्टी से उन्हें सस्पेंड कर दिया. बीएसपी ने मसूद को पार्टी की अहम जिम्मेदारी सौंपी थी, पार्टी ने उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश कोआर्डिनेटर बनाया था. अब वह फिर से कांग्रेस में घर वापसी कर रहे हैं.


मुस्लिम वोटों पर पड़ सकता है असर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इमरान मसूद को कांग्रेस में आने के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में असर हो सकता है, क्योंकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम जाति पर मजबूत पकड़ है. वहीं कांग्रेस इंडिया गठबंधन में शामिल है. यदि इमरान को पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट या फिर अहम जिम्मेदारी सौंपती है तो मुस्लिम वोटरों को साधने में कामयाब हो सकते हैं.


इमरान को लोकसभा में अभी तक नहीं मिली है सफलता 
इमरान मसूद ने अभी तक तीन बार सहारनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन एक बार भी कामयाबी नहीं मिली है. जानकारों का मानना है कि अगर पार्टी उनको सहारनपुर से टिकट देती है तो बीजेपी से कड़ा टक्कर हो सकती है.