Adani Row: `सील बंद सुझाव नहीं करेंगे स्वीकार`, अडानी-हिंडनबर्ग मामले में SC का सख्त रुख
Adani Row: गौतम अडानी-हिंडनबर्ग मामले में कोर्ट सख्त दिखाई दे रही है. आज हुई सुनवाई में कोर्ट ने कड़े लफ्जों में जवाब दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बेंच सील बंद लिफाफे में सजेशन नहीं लेगी. जानिए क्या है पूरा मामला
Adani Row: गौतम अडानी के स्टॉक मैनीपुलेशन मामले में कोर्ट काफी सख्त रुख में नजर आ रहा है. शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फंटकार लगाई है और कहा है कि इस मामले को पारदर्शी रखना चाहते हैं. अडानी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र से सीलबंद कवर में सुझाव को कुबूल नहीं करेगा.
क्या बोले मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- "हम पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहते हैं. अगर हम आपके सुझावों को सीलबंद कवर से लेते हैं, तो इसका साफ मतलब होता है कि दूसरे पक्ष को पता नहीं चलेगा." सीजेआई ने सुनवाई के दौरान कहा, "हम निवेशकों की सुरक्षा के लिए पूरी पारदर्शिता चाहते हैं. हम एक समिति बनाएंगे. अदालत में विश्वास की भावना पैदा होगी."
रिसर्च कर समीति का होगा गठन
आपको जानकारी के लिए बता दें शुक्रवार को केंद्र की ओर से सीलबंद कवर में अदालत को एक नोट दिया गया. जिसमें उन लोगों का नाम सुझाया गया था जो समिति का हिस्सा हो सकते हैं. CJI, जस्टिस एस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने संकेत दिया कि वो इसपर रिसर्च करेंगे और फिर समिति का गठन करेंगे.
किन लोगों ने दायर की है अडानी-हिंडनबर्ग मामले में याचिका
अडानी हिंडनबर्ग मामले में चार पीआईएल सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थीं. जिन्हें लॉयर एमएल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस लीडर जया ठाकुर और एक्टिविस्ट मुकेश कुमार के जरिए दायर किया गया था. एमएल शर्मा का कहना था कि हिंदनबर्ग पर भी जांच होनी चाहिए.