Balasore Incident: बालासोर हादसे ने सबको हैरानी में डाल दिया. इस हादसे में 280 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. वहीं 900 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. अब इतने दिनों का रेसक्यू ऑपरेशन के बाद एक शख्स मिला है. जो ट्रेन के बुश के नीचे था जिसपर किसी की नजर नहीं गई. 48 घंटों से वह भूखा प्यासा वहीं पड़ा रहा. अधिकारियों ने इस शख्स की आवाज सुनी तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया. 


बुश के नीचे था शख्स


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अतुल करवाल जो एनडीआरएफ के डायरेक्टर हैं कहते हैं करीब शाम साढ़े पांच बचे एक छोटे से पुलिस को दल को आवाज सुनाई दी. ये चोट और डिहाईड्रेशन के कारण काफी कमजोर और हल्की महसूस हो रही थी.ये आवाज एक पलटे हुए कोच के पास से आ रही थी. पिछले कुछ दिनों में रिलीफ वर्कर्स ने हर जगह चेक किया था. लेकिन बुश के नीचे चेक नहीं कर पाए थे.हम लोग हैरान थे कि कैसे एक इंसान ऐसे एक्सिडेंट के बाद 48 घंटों तक जिंदा रह सकता है.


एक पुलिस के जवान ने नाम ना बताने की शर्त पर जानकारी दी कि- हम लोगों ने मदद मांगी, जिसके बाद कुछ सोशल वर्कर उसे कम्यूनिटी सेंटर ले गए. उसकी वहां जांच की गई और इसके बाद उसे बालासोर डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया. 


असम का रहने वाला है शख्स


रिपोर्ट्स के अनुसार शख्स की पहचान दुलाल मजमूदार के ना से हुई है. जिसकी उम्र 35 साल है और वह असम का रहने वाला है. वह पांच लोगों के साथ कोरामंडल एक्सप्रेस में सफर कर रहा था. अभी इस बात की पुष्टी नहीं हुई है कि उसके साथ वाले जिंदा हैं या नहीं. डॉक्टर शुभाजित गिरी बताते हैं वह कोरोमंडल एक्सप्रेस के जनरल कंपार्टमेंट में था. जब एक्सिडेंट हुआ होगा तो वह उछल कर बुश में जाकर दिर गया होगा. ये किसी चमत्कार से कम नहीं है कि वह दो दिनों तक जिंदा रहा.


सोमवार की सुबह मजमूदार को एम्स भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया है. जहां उसका सिर की चोट का इलाज चल रहा है. मजमूदार अभी भी ट्रॉमा में है और असंगित तौर से बातें कर रहा है. डॉक्टर्स ने जानकारी दी है कि हम उसका इलाज कर रहे हैं, और उसे क्लोज ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. इस मामले के बाद पुलिस के अधिकारियों ने एक बार फिर इलाके की जांच की है.