नई दिल्ली: कौमी दारुल हुकूमत नई दिल्ली की सरहदों पर 3 कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार प्रोटेस्ट (Farmers Protest) कर रहे हैं. इसी बीच टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर चल रहे आंदोलन से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां किसान आंदोलन की हिमायत में बंगाल से आई 26 वर्षीय महिला एक्टिविस्ट की 30 अप्रैल को कोरोना से मौत मामले में नया मोड़ आया है. युवती के पिता का आरोप है कि टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में उसके साथ रेप हुआ था. इस मामले में पुलिस ने रविवार को किसान आंदोलन से जुड़े 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. 


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क्या है पूरा मामला 
जानकारी के मुताबिक महिला 11 अप्रैल को मुलज़िमों के साथ पश्चिम बंगाल से टिकरी प्रोटेस्ट के मकाम पर आई थी. इलज़ाम है कि दिल्ली आते वक्त ट्रेन में और किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के दौरान उसके साथ रेप (Rape With activist in farmer protest) किया गया. वहीं, आंदोलन के दौरान ही महिला कोविड पॉजिटिव (Coronavirus positive report) हो गई और 30 अप्रैल को कोरोना के चलते उसकी मौत हो गई. मौत के करीब 4 दिन पहले ही उस महिला को बहादुरगढ़ के शिवम हॉस्पिटल (Bahadurgarh Shivam Hospital) में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. महिला ने पिता को फोन पर अपने साथ हुई आपबीती सुनाई थी. 


6 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा 
बेटी की मौत के बाद पिता ने बहादुरगढ़ सिटी थाने में उसके साथ हुए रेप की शिकायत की है. पुलिस ने टिकरी बॉर्डर पर किसान सोशल आर्मी नाम से सोशल मीडिया पेज चलाने वाले अनूप और अनिल मलिक के अलावा 4 दिगर लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 365, 342, 354, 376 और 120 बी के तहत केस दर्ज कर लिया है. जिन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें अनूप सिंह चानौत, अनिल मलिक, अंकुर सांगवान, जगदीश सिंह बराड़ के अलावा दो महिला आंदोलनकारी कविता आर्य और योगिता सुहाग का नाम शामिल है. 



रेप के मुलज़िमों का AAP के साथ तअल्लुक
आपको बता दें कि मुल्जिम अनूप सिंह चानौत हिसार का रहने वाला है. वह आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का एक्टिव कारकुन रहा है. वहीं, दूसरा मुल्ज़िम अनिल मलिक दिल्ली का रहने वाला है. वह भी आम आदमी पार्टी का कारकुन है.  AAP नेता सुनील गुप्ता ने खुद अनूप सिंह की तसदीक की थी. हालांकि, उन्होंने अनिल मलिक की तसदीक से इनकार कर दिया.



जांच के लिए बनी SIT
मीडिया में खबरें चलने के बाद बीते शनिवार को टिकरी बॉर्डर पर मुत्तहिदा मोर्चा की मीटिंग भी हुई. वहीं, बहादुरगढ़ पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए डीएसपी की अगुवाई में तीन इंस्पेक्टर और साइबर सेल को मिलाकर SIT बनाई है. रविवार को इस  मामले पर टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे महिलाओं के समूह ने भी बयान जारी किया है.  जिसके मुताबिक दोनों मुल्जिम कभी भी संयुक्त किसान मोर्चा की टीम का हिस्सा नहीं थे. महिला आंदोलनकारियों का कहना है कि वे इस मामले में मुत्तिसा के पिता के साथ हैं. साथ ही सरकार से मांग की है कि इस मामले की गौरजानिबदारी से जांच कर कसूरवारों को सजा दी जाए. 


किसानों ने निकाली थी शव यात्रा 
महिला की कोरोना से मौत के बाद किसानों ने शव यात्रा भी निकाली थी. जबकि कोरोना से मौत के बाद एक यकीनी गाइडलाइन का पालन करते हुए अंतिम संस्‍कार किया जाता है. वहीं, पुलिस के सामने भी चुनौती है कि अंतिम संस्कार के बाद वह रेप के आरोप को कैसे साबित करेगी. यह भी कहा जा रहा कि महिला के साथ रेप और उसके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेताओं को थी. लेकिन किसी ने इसका संज्ञान लेते हुए पुलिस में शिकायत नहीं की. एक कोरोना संक्रमित के धरना स्थल पर होने की बात छिपाई गई और आंदोलन चालू रखा गया.


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