Banda Civil Judge: उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है. जहां पर एक जूनियर सिविल जज ने भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है. इस जज ने एक सीनियर जज पर 'यौन उत्पीड़न' के इल्जाम लागाए हैं और कहा कि उसे न्याय नहीं मिल सका है. जूनियर जज का इल्जाम है कि जिला जज ने उनका 'यौन उत्पीड़न' किया और रात में मिलने का दबाव बनाया. 


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जूनियर महिला जज का इल्जाम है कि उन्होंने 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को शिकायत दी और फिर प्रशासनिक न्यायाधीश से भी शिकायत की, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. जूनियर जज ने इसी साल जुलाई में आंतरिक शिकायत समिति को भी शिकायत दी थी. अपने पत्र में औरत जज ने लिखा है, “हजारों ईमेल और 6 महीनों के बाद जांच शुरू हो सकी.” पत्र लिखकर महिला जज ने जांच पूरी होने तक जिला जज के तबादले की मांग की है. 


महिला जज का कहना है, "इस मामले में गवाह जिला जज के घनिष्ट कर्मचारी है और वो उनके पद पर रहते हुए स्वतंत्र रूप से अपनी बात नहीं रख सकेंगे." शिकायतकर्ता महिला ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी जिला जज के तबादले के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन उनका इल्जाम है कि ‘8 सेकंड के भीतर ही उनकी याचिका खारिज कर दी गई.’


अपने पत्र में महिला जज ने लिखा है, “ये जांच अब ऐसे होगी कि जिला जज के कंट्रोल में ही सभी गवाह होंगे. हम सभी ऐसी जांच का नतीजा जानते हैं. इन सभी के जरिए की वजह से उनकी अब जिंदा रहने की कोई इच्छा नहीं है. पिछले डेढ़ साल में मैं जिंदा लाश बन गई हूं. मेरी जिंदगी का अब कोई मकसद बाकी नहीं रह गया है.” इसके साथ ही महिल ने सुप्रीम कोर्ट से इच्छा मृत्यु की मांग की है.


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