India China Relations: भारत और चीन के बीच LAC पर कई दशकों से विवाद चल रहा है. इस बीच दोनों देशों ने एक बड़ा कदम उठाया है. भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने ऐलान किया है कि भारत और चीन दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हाल ही में हुई बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुँच गए हैं. मिस्री ने कहा, "हम चीन के साथ चर्चा किए जा रहे मुद्दों पर एक समझौते पर पहुँच गए हैं." 


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दोनों देशों के सैनिक हटेंगे पीछे
मिस्री ने कहा कि इससे सैनिकों के पीछे हटने की संभावना है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि इस घटनाक्रम से सीमा पर आखिर में सैनिकों के पीछे हटने की उम्मीद है. पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है और इससे सैनिकों के पीछे हटने और आखिर 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न मुद्दों के समाधान की ओर अग्रसर है.


विदेश सचिव ने क्या कहा?
विदेश सचिव ने कहा कि सीमा पर बाकी मुद्दों को हल करने के लिए भारतीय और चीनी वार्ताकार पिछले कुछ हफ्तों से संपर्क में हैं. कथित तौर पर यह समझौता देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त व्यवस्था से संबंधित है. पूर्वी लद्दाख सीमा पर 2020 में हुई झड़प के बाद से दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं, जिसके परिणामस्वरूप 20 भारतीय सैनिक मारे गए और अनिर्दिष्ट संख्या में चीनी पीएलए के सैनिक मारे गए. यह सफलता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कज़ान की निर्धारित यात्रा से ठीक एक दिन पहले सामने आई.


क्या मोदी-शी जिनपिंग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बैठक करेंगे?
हालांकि कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक कर सकते हैं. कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, जिसका विषय 'न्यायसंगत वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना' है, नेताओं को प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, शिखर सम्मेलन ब्रिक्स पहलों पर प्रगति की समीक्षा करने और सहयोग के लिए नए क्षेत्रों की खोज करने का अवसर प्रदान करता है.