संयुक्त राष्ट्रः विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को कहा कि दुनिया की आबादी 15 नवंबर को 8 अरब तक पहुंच जाने का इमकान है, और 2023 में भारत की आबादी चीन से भी ज्यादा हो जाएगी. विश्व जनसंख्या संभावना 2022 के मुताबिक, विकास दर 1950 के बाद से सबसे धीमी रही है, जो 2020 में 1 फीसदी से भी कम हो गई. गौरतलब है कि वर्ष 1990 से दुनियाभर में जनसंख्या वृद्धि से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है.

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इन देशों में बढ़ेगी आबादी 
रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की आबादी 2030 में लगभग 8.5 अरब और 2050 में 9.7 अरब और 2080 के दौरान लगभग 10.4 अरब हो सकती है. विश्व आबादी में अफ्रीका के देशों में 2050 तक आधे से ज्यादा योगदान देने की उम्मीद है. साल 2050 तक अनुमानित बढोत्तरी आठ देशों में केंद्रित रहेगी और ये देश होंगे, कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया.

आबादी से होगा ये नुकसान 
तेजी से आबादी बढ़ने से गरीबी उन्मूलन, भूख और कुपोषण का मुकाबला करना, और स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को और ज्यादा कठिन बना देती है. वृद्ध लोगों की देखभाल करना मुश्किल हो जाएगा. इसके विपरीत, सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करना, विशेष रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा और लैंगिक समानता से संबंधित, प्रजनन स्तर को कम करने में योगदान देगा. 

61 देशों की आबादी में होगी मामूली कमी 
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के दशकों में कई देशों में प्रजनन क्षमता में उल्लेखनीय रूप से गिरावट दर्ज की गई है. प्रजनन क्षमता के निरंतर निम्न स्तर के कारण 2022 और 2050 के बीच 61 देशों या क्षेत्रों की आबादी में 1 फीसदी या उससे ज्यादा की कमी होने का अनुमान है.

औसत आयु में होगी वृद्धि, फिल्हाल कोविड ने घटा दी है उम्र 
मृत्युदर में और कमी के साथ 2050 में औसत वैश्विक लंबी उम्र लगभग 77.2 वर्ष होने का अनुमान है, क्योंकि वैश्विक जीवन प्रत्याशा 2019 में 72.8 वर्ष देखी गई. इसमें 1990 के बाद से लगभग नौ वर्षो में सुधार हुआ है. हालांकि, कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में वैश्विक जीवन प्रत्याशा घटकर 71 वर्ष हो गई थी और सबसे कम विकसित देशों में जीवन प्रत्याशा वैश्विक औसत से सात साल पीछे रह गई.


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