भारी बर्फबारी के बीच गर्भवती महिला के लिए देवदूत बनी Indian Army, ऐसे पहुंचाया अस्पताल
कुपवाड़ा जिले के नुनवानी गांव में शकीना बेगम नाम की एक महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अचानक पेट में तेज दर्द हुआ. गर्भवती महिला को नुनवानी गांव से कुपवाड़ा जिले के कलारोस अस्पताल ले जाना था.
फारूक वानी\ श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कुपवाड़ा (Kupwara) जिले में भारी बर्फबारी (Snowfall) ने लोगों की परेशानियां बड़ा दी है. बर्फबारी और बारिश की वजह से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ऐसी स्थित में वहां के लोग ना केवल सेना पर भरोसा कर रहे हैं, बल्कि उन्हें पता है कि सेना तक खबर पहुंची तो उन्हें हर तरह की परिस्थितियों में मदद मिल जाएगी. ऐसी ही एक घटना में सेना ने भारी बर्फबारी के बीच देवदूत बनकर गर्भवती महिला (Kashmiri Pregnant Lady) शकीना बेगम और उनकी गर्भ में पल रही बच्ची की जान बचा ली.
आशा वर्कर ने आर्मी के मेजर से मांगी मदद
दरअसल, कुपवाड़ा जिले के नुनवानी गांव में शकीना बेगम नाम की एक महिला को प्रेगनेंसी के दौरान अचानक पेट में तेज दर्द हुआ. गर्भवती महिला को नुनवानी गांव से कुपवाड़ा जिले के कलारोस अस्पताल ले जाना था. इसके लिए परिजनों ने एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन भारी बर्फबारी होने की वजह से एंबुलेंस नहीं पहुंच पा रहा था. महिला का स्थिति को देखते हुए गांव की आशा कर्मचारी शमशदा ने भारतीय सेना के मेजर मुकेश को कॉल करके मदद मांगी.
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चारपाई पर लिटाकर महिला को ले आएं
इंडियन आर्मी के मेजर मुकेश ने बिना देरी किए मौके के लिए भारतीय सेना की जिप्सी को दवाइयों के साथ रवाना कर दिया. संकरी सड़क और बर्फबारी की वजह से सेना की जिप्सी भी गर्भवती महिला के घर तक नहीं पहुंच पाई. जिसके बाद सेना के जवानों ने पहले महिला को चारपाई पर लिटाया. इसके बाद चारपाई को सेना के जवानों ने कंधे पर रखकर बर्फ की सफेद चादर से बिछी सड़क पर 300 मीटर तक पैदल चलते हुए गर्भवती महिला को सुरक्षित जिप्सी तक पहुंचा दिया. शकीना बेगम को सेना के जवानों ने जिप्सी से कलारोस अस्पताल ले आएं, जहां पर उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया.
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महिला के पति ने यूं बयां की खूशी
सेना के जवानों के द्वारा इस नेक काम को किए जाने के बाद शकीना बेगम के पति अल्ताफ कील्ला ने शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि, अगर समय पर सेना के जवान नहीं पहुंचते और शकीना को चारपाई से जिप्सी तक नहीं पहुंचाते , तो मां और बच्चे दोनों गंभीर खतरे में पड़ सकते थे. मैं भारतीय सेना को तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं.
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