Indore Beggar Free City: देश के सबसे साफ-सुथरे शहरों में शुमार इंदौर ने नए साल से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए खुद को पूरी तरह से भिखारी मुक्त बना दिया है. शहर में भिक्षावृत्ति को समाप्त करने के उद्देश्य से बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के बाद, कलेक्टर आशीष सिंह ने शहर में भिखारी होने और भीख मांगने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. इसके साथ ही अब इंदौर में भीख मांगना या भींग मांगने वालों की मदद करना एक अपराध होगा, जिसके लिए आपको जुर्माना भी चुकाना पड़ सकता है. 


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नए आदेश के तहत क्या होगा?
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के मुताबिक अब इंदौर जिले में किसी भी शख्स के लिए सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगना अपराध की श्रेणी में आएगा. इसके साथ ही भिखारी को किसी भी प्रकार की मदद करना या उनसे सामान खरीदना भी अपराध माना जाएगा. इस आदेश के तहत ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 


इनाम योजना-
शहर में भिखारी की सूचना देने वाले नागरिकों को प्रशासन द्वारा प्रोत्साहन राशि के रूप में 1000 रुपये का इनाम मिलेगा. इसके लिए प्रशासन ने एक हेल्पलाइन नंबर (9691494951) जारी किया है, जिस पर कोई भी व्यक्ति चौराहों या सार्वजनिक स्थानों पर भिखारी की सूचना दे सकता है. सूचना मिलने के बाद प्रशासन संबंधित भिखारी का सत्यापन करेगा और प्रकरण की पुष्टि होने पर शिकायतकर्ता को इनाम दिया जाएगा. 


सख्त निगरानी-
इंदौर प्रशासन ने इस अभियान के लिए विशेष दलों का गठन किया है, जो शहर में सक्रिय रहकर किसी भी स्थिति में भिक्षावृत्ति को रोकने का काम करेंगे. इन दलों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होगा कि शहर में कहीं भी कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर भीख न मांगे. 


नतीजा-
इस कदम के बाद इंदौर में भिक्षावृत्ति पर नियंत्रण पाने के साथ-साथ शहर की स्वच्छता और सुरक्षा में भी बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है. प्रशासन की यह कोशिश शहर को और भी बेहतर और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. 


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