नई दिल्ली: कोरोना वायरस वबा फैलने से इस वक्त मुल्क में दीगर जरूरी चीजों के अलावा दवाओं की भी बेहद कमी हो गई है. अचानक दवाओं की तलब में इतना ज्यादा इजाफा हो गया है कि फार्मा कंपनियां मांग के लिहाज से दवाएं नहीं बना पा रही हैंं. ऐसे में अवाम को दवा खरीदी में भी समझौता करना पड़ रहा है. अगर डॉक्टर ने कोई दवा 250 मिलीग्राम की लिखी है और बाजार में 250 एमजी की दवा मुहैय्या नहीं है तो अक्सर कैमिस्ट 500 एमजी की दवा देकर उसे बीच से तोड़कर आधी गोली लेने की सलाह देते हैं. हममें से ज्यादातर लोगों ने ऐसा कभी न कभी जरूर किया होगा. हालांकि यहां यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या ऐसा करना सही है ? क्या वाकई में दवा को बीच से तोड़ देने से उसकी पोटेंसी आधी रह जाती है ? 


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डॉक्टर्स भी देतें हैं आधी दवा 
कई बार ऐसा भी होता है कि डॉक्टर्स खुद अपने मरीजों को कोई दवा आधी गोली लेने की सलाह देते हैं. हालांकि कुछ मखसूस दवाएं ही होती हैं जिसे वह मरीजों को आधी गोली लेने की सलाह देते हैं. हर तरह की दवाओं के साथ वह मरीजों को ऐसी सलाह नहीं देते हैं. 


कौन-सी दवा दी जा सकती है आधी
माहिरीन की माने तो सभी दवाएं बीच से आधी तोड़ कर मरीजों को नहीं दी जा सकती है. जिन दवाओं को बीच से तोड़ कर आधी गोली खाई जा सकती है बाजाब्ता उसमें टैबलेट के बीच में एक निशान लगा होता है। ऐसे टैबलेट को ’’ स्कोर टैबलेट ’’ के नाम से जाना जाता है। सिर्फ ऐसी ही दवाओं को बीच से तोड़कर आधी गोली खाने से उसकी पोटेंसी आधी हो जाती है. 


ऐसी दवाओं को बीच से न तोड़ें
डॉक्टर्स के मुताबिक वैसी दवाए जिसे बीच से तोड़कर नहीं खाया जाता है उन दवाओं के बीच में कोई लाइन नहीं खीचीं होती है. ऐसी दवाओं पर एक परत चढ़ी होती है, जिसे तोड़ने से उस दवां की ताकत कम हो जाती है। यानी ऐसी दवाओं को तोड़कर खाने से उसके फायदे कम हो जाते हैं. माहिरीन कहते हैं, जो कैपसूल दो हिस्सों में बटें होते हैं उन्हें भी बिना डॉक्टर की राय के बीच से तोड़ कर नहीं खानी चाहिए. 


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