कुरान पढ़ने में न करें ये गलती; वर्ना फायदे के बजाए होगा नुकसान
Ramadan 2024: कुरान के बारे में कहा जाता है कि ठहर-ठहर कर आराम से पढ़े. इस तरह से पढ़े कि लफ्जों की अदाएगी हो. कोशिश करे कि अच्छी आवाज में कुरान पढ़े.
Ramadan 2024: इन दिनों रमजान का मुबारक महीना चल रहा है. इन दिनों लोग खूब नमाज पढ़ते हैं और इबादत करते हैं. रमजान में कुरान की तिलावत का भी एहतमाम बढ़ जाता है. ऐसे में जरूरी है कि कुरान को अच्छे तरीके से पढ़ा जाए. मौलाना अशरफ अली थानवी की किताब 'बहिश्ती जेवर' में बताया गया है कि कुरान को कैसे पढ़ें.
1. कुरान शरीफ को सही-सही सही पढ़ना बाजिब है. हर अक्षर को ठीक-ठीक पढ़े, और पूरी आवाज निकाल कर पढ़े.
2. अगर किसी से कोई अक्षर नहीं निकलता, तो सही पढ़ने की मश्क करना जरूरी है. अगर सही पढ़ने की मेहनत नहीं करेंगे, तो गुनहगार होंगे और आपकी कोई नमाज सही न होगी, हां, अगर मेहनत से भी दुरूस्ती न हो, तो मजबूरी है.
3. अगर सब अक्षर सही निकलते हैं, लेकिन ऐसी बे-परवाई से पढ़ती है कि एक ही आवाज निकलने के बजाए, दूसरे की निकलती है, सब गुनहगार है और नमाज सही नहीं होगी.
4. जो सूरा पहली रकात में पढ़ी है, वही सूरा दूसरी रकात में पढ़ गई, तो भी कुछ हर्ज नहीं, लेकिन बे जरूरत ऐसा करना बेहतर नहीं.
5. जिस तरह कुरान में सूरतें आगे पीछे लिखी हैं, नमाज में उसी तरह पढ़ना चाहिए. जिस तरह अम्मा के सिपारे में लिखी हैं, उस तरह न पढ़े यानी जब पहली रकात में कोई सूरा पढ़े, तो अब दूसरी रकात में उसके बाद वाली सूरा पढ़े. दूसरी रकात में उसके बाद वाली सूरा पढ़े, उसके पहले वाली सूरा न पढ़े. जैसे किसी ने पहली रकात में 'कुल या अय्युहल काफिरून' पढ़ी तो अब 'इजा जाअ' या 'कुल अअूजू बिरब्बिल फलकि' या 'कुल अअूजु बिरब्बिल नास' पढ़े और 'अलम तरा कैफ' या 'लिइलाफि' वगैरह उसके ऊपर की सूरतें न पढ़े कि इस तरह पढ़ना मकरूह है, लेकिन अगर भूले से इस तरह पढ़ जाए, जो मकरूह नहीं है.
6. जब कोई सूरा शुरू करे, तो बे जरूरत उसको छोड़कर दूसरी सूरा शुरू करना मकरूह है.
7. जिसको नमाज बिलकुल न आती हो या नई-नई मुसलमान हुई हो, वह सब जगह 'सुब्हानअल्लाह-सुब्हानअल्लाह' पढ़ती रहे तो फर्ज अदा हो जाएगा. लकिन नमाज बराबर सीखती रहे. अगर नमाज सीखने में कोताही करेगी, तो बहुत गुनहगार होगी.
8. कुरान को हमेशा कवर में बंद करके रखें. इससे कुरान गंदी नहीं होगी. कुरान को हमेशा छोटे बच्चों की पहुंच से दूर रखें, ताकि अनजाने में कुरान की बेहुर्मती न हो.
9. अक्सर लोग कुरान के पन्ने मोड़ देते हैं. ऐसा न करें. इससे कुरान के पन्ने फट जाते हैं. कोशिश करें कि कुरान में निशानी के लिए कोई दूसरे साफ कागज का इस्तेमाल करें.