Islamophobia: इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल ( IAMC) ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स और उसके मुख्य संपादक एलेसेंड्रा गैलोनी से अपील की है कि वे समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के साथ अपनी साझेदारी और निवेश को समाप्त करने पर विचार करें. क्योंकि कई लोगों ने इसकी कथित इस्लामोफोबिक रिपोर्ट को चिह्नित किया था.


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5 अगस्त को जारी एक बयान में IAMC ने हिंसाग्रस्त मणिपुर में ANI की एक हालिया रिपोर्ट की ओर इशारा किया था. जिसमें उसने एक मुस्लिम व्यक्ति पर सामूहिक बलात्कार का झूठा आरोप लगाया था. ट्वीट को बड़े पैमाने पर साझा किया गया था. लेकिन बाद में फैक्ट-चेक के द्वारा इसे चिह्नित किए जाने के बाद इसे हटा दिया गया था.


IAMC ने बयान कहा, "दुनिया भर के टीवी नेटवर्क को वीडियो सेगमेंट देने वाली भारत की सबसे बड़ी समाचार सेवाओं में से एक ANI की बेईमान गतिविधियां घरेलू और वैश्विक मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र दोनों को नुकसान पहुंचाती हैं."


आपको बता दें कि IAMC ने एक बयान में ऐसी कई रिपोर्टों का जिक्र करते हुए कहा, "ANI बार-बार गंभीर अपराधों के आरोपी मुसलमानों के नामों को रिपोर्ट करना चुनता है. जबकि उसी अपराध के गैर-मुसलमानों के ज्ञात नामों को रिपोर्ट नहीं करता है."


IMAC ने ट्वीट में कहा, "मुस्लिम विरोधी प्रचार के वास्तविक दुनिया पर प्रभाव को मान्यता देते हुए, जो प्रतिदिन भारत में अनगिनत मुस्लिम जीवन को खतरे में डालता है. और @ReutersPR के विचार में  @thomfound ने स्पष्ट रूप से स्वतंत्रता, अखंडता और पूर्वाग्रह से मुक्ति के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है. गठबंधन पत्र में मांग की गई है कि @Reuters, @ReutersPR, @aagalloni को @ANI से तुरंत सभी हिस्सेदारी वापस लेनी चाहिए और तुरंत संगठन की निंदा करनी चाहिए.'' 



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