Israel Attack Iran: इजराइल और हमास के बीच जंग में अब ईरान से बड़ी खबर सामने आ रही है. इजराइल ने सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास को तबाह कर दिया है, जिसमें दो ईरानी जनरलों और पांच अधिकारियों की मौत हो गई है. इज़राइल ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन एक सैन्य प्रवक्ता ने सोमवार को दक्षिणी इज़राइल में ड्रोन हमले के लिए ईरान को दोषी ठहराया.


मरने वालों में तीन सीनियर कमांडर शामिल


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रिपोर्ट्स के मुताबिक, संदिग्ध इजरायली युद्धक विमानों ने सोमवार को सीरिया में ईरान के दूतावास पर बमबारी की है. मारे गए लोगों में तीन सीनियर कमांडर भी शामिल थे. यह घटना दमिश्क के मेज़ेह जिले में हुई है. 


सीरिया के विदेश मंत्री ने की निंदा


सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मेकदाद ने बमबारी की निंदा की है. उन्होंने कहा, "हम इस नृशंस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं जिसने दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास की इमारत को निशाना बनाया और कई निर्दोष लोगों की जान ले ली."


पहली बार किया दूतावास पर हमला


सीरिया में ईरान के राजदूत होसैन अकबरी ने कहा कि हमला दूतावास परिसर में एक कांसुलर इमारत पर हुआ और उनका निवास शीर्ष दो मंजिलों पर था. मरने वालों में मोहम्मद रज़ा ज़ाहेदी भी शामिल थे, जो इसके कुद्स फोर्स के एक वरिष्ठ कमांडर थे, जो एक विशिष्ट विदेशी जासूसी और अर्धसैनिक शाखा है. इज़राइल सीरिया में ईरान के सैन्य स्थलों को निशाना बनाता रहा है, लेकिन यह पहली बार था जब उसने उसके दूतावास परिसर पर हमला किया.


क्या है इजराइल का कहना?


इज़राइल ने "विदेशी मीडिया में रिपोर्टों" पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, न्यूयॉर्क टाइम्स ने चार अज्ञात इज़रायली अधिकारियों का हवाला देते हुए स्वीकार किया कि इज़रायल ने हमला किया था.


ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि हमला "संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और राजनयिक और कांसुलर परिसर की हिंसा के मूलभूत सिद्धांत का घोर उल्लंघन है." इसमें कहा गया कि तेहरान के पास "निर्णायक प्रतिक्रिया लेने का अधिकार" सुरक्षित है.


हिजबुल्लाह ने जवाबी कार्रवाई की खाई कसम


क्षेत्र में ईरान के सबसे शक्तिशाली सशस्त्र प्रतिनिधि के रूप में देखे जाने वाले लेबनानी समूह हिजबुल्लाह ने जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है. समूह ने एक बयान में कहा, "दुश्मन को सज़ा और बदला लिए बिना यह अपराध ख़त्म नहीं होगा." इराक, जॉर्डन, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात सहित मुस्लिम देशों ने भी हमले की निंदा की, साथ ही रूस ने भी इस हमले को गलत बताया  है.


कैसे हुआ हमला?


ईरान का कहना है कि यह हमला F-35 युद्धक विमानों का इस्तेमाल करके किया गया था. अकबरी ने जोर देकर कहा, "यह शायद पहली बार है कि ज़ायोनी शासन ने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान दूतावास की आधिकारिक इमारत पर हमला करने की इजाजत दी है." विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा.