ISRO ने फिर रचा इतिहास: 36 सैटेलाइट के साथ लॉन्च किया गया भारत का सबसे बड़ा रॉकेट LVM3
ISRO: इंडियन स्पेस रिसर्च एजेंसी (ISRO) ने रविवार को एक बार फिर इतिहास बना दिया है. दरअसल रविवार की सुबह 9 बजे भारत का सबसे बड़ा रॉकेट लॉन्च किया गया है. जो 36 सैटेलाइट्स लेकर गया है.
ISRO: भारत के एलवीएम3 रॉकेट ने रविवार को श्री हरिकोटा से ब्रिटेन में मौजूद 'वनवेब' के 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया. 643 टन वजनी 43.5 मीटर लंबे एलवीएम-3 रॉकेट ने 5,805 किलोग्राम या लगभग 5.8 टन वजन के 36 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया. इसे रविवार सुबह 9 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मिशन को एलवीएम3-एम3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया है.
एलवीएम3 (जीएसएलवी-एमके तीन) तीन चरणों वाला रॉकेट है, इसमें पहले चरण में तरल ईंधन, ठोस ईंधन के ज़रिए चलने वाले दो स्ट्रैप ऑन मोटर, दूसरा तरल ईंधन के ज़रिए और तीसरा क्रायोजेनिक इंजन है. इसरो के हैवी लिफ्ट रॉकेट की लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) में 10 टन और जियो ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) तक चार टन की वहन क्षमता है. एलवीएम 3 ने अब तक चंद्रयान-2 मिशन समेत लगातार पांच सफल मिशन संचालित किया.
रॉकेट की उड़ान के 19 मिनट से ज्यादा वक्त के बाद, एलईओ में नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के 36 उपग्रहों को अलग-अलग करना शुरू किया है. उपग्रहों को 87.4 डिग्री के झुकाव के साथ 450 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा. अग मिशन कामयाब होता है, तो भारत के ज़रिए लॉन्च किए गए विदेशी उपग्रहों की कुल तादाद 1999 से लेकर अब तक 422 हो जाएगी.
मिशन के कामयाब होने के बाद, भारत के भारती समूह और यूके सरकार के ज़रिए समर्थित ब्रिटेन की कंपनी के पास अंतरिक्ष में परिक्रमा करने वाले 618 उपग्रह होंगे. वनवेब के पास अब कक्षा में 582 उपग्रह हैं. कंपनी ने कहा था कि समूह को पूरा करके, वनवेब भारत समेत वैश्विक कवरेज देने में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है.
वनवेब के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने अक्टूबर 2022 में कहा था कि इसरो की वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लॉन्चिंग फीस के लिए दो चरणों में 72 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए वनवेब के साथ एक अनुबंध पर दस्तखत किए हैं. 36 उपग्रहों का पहला बैच 23 अक्टूबर, 2022 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट से एलवीएम 3 रॉकेट के साथ लॉन्च किया गया था, जिसे पहले जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल एमके तीन (जीएसएलवी एमके तीन) के नाम से जाना जाता था.
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