Jaipur: जयपुर में दो दिवसीय `बसंत पर्व`; उस्ताद अली- ग़नी बिखेरेंगे सुरों का जादू
राजस्थान का जयपुर एक बार बसंत पंचमी के मौक़े पर सुरों से सजने वाला है. जवाहर कला केन्द्र की तरफ़ से 30 और 31 जनवरी को दो रोज़ा `बसंत पर्व` का आयोजन किया जा रहा है. प्रोग्राम में मशहूर गायक, वादक और साहित्यकार सभी को बसंती रंगों से सुरों का जादू चलाएंगे.
Jaipur News: राजस्थान का जयपुर एक बार बसंत पंचमी के मौक़े पर सुरों से सजने वाला है. जवाहर कला केन्द्र की तरफ़ से 30 और 31 जनवरी को दो रोज़ा 'बसंत पर्व' का आयोजन किया जा रहा है. प्रोग्राम में मशहूर गायक, वादक और साहित्यकार सभी को बसंती रंगों से सुरों का जादू चलाएंगे. इस मौक़े पर उस्ताद अली-ग़नी अपनी पेशकश देंगे. कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला 30 जनवरी को होने वाले इस प्रोग्राम का उद्घाटन करेंगे. प्रोग्राम में बड़ी तादाद में लोगों के पहुंचने की उम्मीद ज़ाहिर की जा रही है.
दोनों भाईयों की मशहूर जोड़ी
उस्ताद अली-ग़नी बीकानेर के तेजरासर गांव के रहने वाले दो भाईयों की जोड़ी है. उन्होंने सुगम संगीत के शोबे में ग़ज़ल संगीत के साथ मांड गायकी को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सतह पर सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाया है. उन्होंने भारत के मशहूर ग़ज़ल गायकों के लिए यादगार संगीत रचने के साथ- साथ कई फिल्मों के लिए भी संगीत भी दिया है. साथ ही दोनों की जोड़ी ने पंकज उधास, मनहर उधास, अनूप जलोटा, रूपकुमार राठौड़ के लिए प्रसिद्ध ग़ज़लें संगीतबद्ध की है. बता दें कि जयपुर में जवाहर कला केन्द्र की तरफ़ से 30 और 31 जनवरी को दो रोज़ा 'बसंत पर्व' का आयोजन किया जाएगा. प्रोग्राम में कई मशहूर हस्तियां शामिल होंगी.
देश-विदेश में कमाया नाम
आपको बता दें कि इससे पहले भी उस्ताद अली-ग़नी को देश और विदेश में कई अवार्ड से नवाज़ा जा चुका है. बीकानेर जिला प्रशासन ने उन्हें ख़ास तौर से सम्मानित किया था और हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा स्टेट अवॉर्ड का भी ऐलान हुआ है. इन दिनों यह राजस्थानी लोकसंगीत को बड़े मंच पर अहम जगह दिलाने के लिए मेगा प्रोजेक्ट की तैयारी कर रहे हैं और नई नस्ल तक अपनी नॉलेज और तजुर्बों को पहुंचाने के लिए अपनी जन्मस्थली बीकानेर में मांड गायकी का शिक्षण संस्थान बनाने की तैयारियों में लगे हैं.
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