MEDHA Fellowship 2022-2023: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी आए दिन एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर रही है. इदारे की शोहरत में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है. यहां तालीम हासिल करने वाले छात्र यूनिवर्सिटी का नाम रौशन कर रहे हैं. ऐसा ही एक और कारनामा जामिया के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के तीन छात्रों ने कर दिखाया है. जेएमआई की छात्रा आयशा सौबिया समेत दो और स्टूडेंट अश्विनी सिंह और याशिका अरोड़ा को प्रतिष्ठित बायर फैलोशिप- मेधा 2022-2023 प्रदान की गई है. भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का ऑफ़िस बायर क्रॉपसाइंस लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित बायर फेलोशिप प्रोग्राम- मेधा प्रदान कर रहा है.


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हर महीने 20 हज़ार का वज़ीफ़ा
चुने हुए छात्रों को हर महीने 20 हज़ार का वज़ीफ़ा दिया जाएगा. छात्रों को ये स्कॉलरशिप दो साल के लिए अपने मास्टर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए मिलेगी. तीनों छात्रों के शानदार प्रदर्शन पर जामिया की वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर नजमा अख़्तर ने कामयाब छात्रों को मुबारकबाद पेश की साथ ही उनके प्रयासों को सराहा और भविष्य के लिए नेक ख़्वाहिशात का इज़हार किया. इस मौक़े पर वीसी ने कहा कि, इन छात्रों का चयन उनके अकादमिक प्रोफाइल और सैकड़ों आवेदकों के साक्षात्कार प्रदर्शन के आधार पर किया गया है मुझे उम्मीद है कि यह जामिया में पढ़ रहे दूसरे छात्रों को भी प्रेरित करेगा.



छात्रों की वित्तीय सहायता करना है मक़सद
मेधा फेलोशिप का मक़सद जीवन-विज्ञान, बायोटेक्नोलॉजी, फार्मा विषयों में मास्टर और पीएचडी करने के लिए समाज के माली तौर से कमज़ोर वर्गों के छात्रों की वित्तीय सहायता करना है, ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें. यूनिवर्सिटी के मुताबिक छात्रों को बायर की रिसर्च लेबोरेटरी का दौरा करने, उद्योग के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने, एक्सपोज़र हासिल करने और अपनी जानकारी बढ़ाने का मौक़ा भी मिलेगा. फेलोशिप का लक्ष्य तालीमी और आर्थिक तौर पर छात्रों सक्षम बनाना है. बता दें कि इसी महीने जामिया मिलिया इस्लामिया के 'द सेंटर फॉर फिज़ियोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन साइंसेज़' को बेस्ट फिज़ियोथेरेपीकॉलेज चुना गया था.


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