Jamia News: प्रोफेसर मजहर आसिफ ने आज यानी 25 अक्टूबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के 16वें वाइस चांसलर के तौर पर कार्यभार ग्रहण किया नए वाइस चांसलर का कहना है कि वह आलोचनाओं का स्वागत करते हैं. यह सेंट्रल यूनिवर्सिटी जहां अपने बेहतरीन शिक्षण कार्यों और रिसर्च के लिए जाना जाता है, वहीं कई बार विवादों में भी रहा है. हाल ही में यहां दीपोत्सव के दौरान उत्सव मना रहे छात्रों के साथ उपद्रव और हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं.


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नए वाइस चांसलर ने क्या कहा?
जामिया के नए वाइस चांसलर ने कहा, “यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को अच्छा रहन-सहन, भोजन, सुरक्षा उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है. लोगों के सहयोग से हम ऐसा करेंगे और जामिया को उच्च स्तर पर ले जाने की कोशिश करेंगे. मैं आलोचनाओं का स्वागत करता हूं, लेकिन बेहतर सुझावों और समाधानों की भी उम्मीद करता हूं. इसलिए समस्या के साथ आएं, पर बेहतर विकल्पों और समाधानों के बारे में भी सोचें ताकि हम मिलकर चीजों को बेहतर बना सकें."



वाइस चांसलर ने ब्रिगेडियर उस्मान को पेश किया खिराज-ए-अकीदत
वाइस चांसलर कार्यालय परिसर में यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने नए कुलपति का स्वागत किया.  ज्वाइनिंग के फौरन बाद वह यूनिवर्सिटी कैंपस में मौजूद ब्रिगेडियर उस्मान की समाधि पर गए और उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश की. वह जामिया के पहले वाइस चांसलर हैं, जिन्होंने कार्यभार संभालने के फौरन बाद ब्रिगेडियर उस्मान की समाधि पर फूल-माला अर्पित की है. ब्रिगेडियर उस्मान, जिन्हें "नौशेरा का शेर" के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सेना में एक उच्च पदस्थ अधिकारी थे, जिन्होंने 1947-48 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में वीरगति पाई थी.


वहीं, प्रो. मजहर आसिफ ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन और जामिया के संस्थापक सदस्य डॉ. एम.ए. अंसारी को यूनिवर्सिटी कैंपस में उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. उन्होंने वाइस चांसलर कार्यालय के बैठक हॉल में डीन, कार्यवाहक रजिस्ट्रार और यूनिवर्सिटी के दूसरे सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की. इसके साथ ही उन्होंने पूरे प्रशासनिक ब्लॉक का दौरा किया और मुख्तलिफ कार्यालयों में जाकर गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों से भी मुलाकात की.


उन्होंने कुलपति कार्यालय के बैठक हॉल में सभा में अपने संबोधन की शुरुआत यह कहकर की कि सिर्फ एक ही आदर्श वाक्य और एक ही लक्ष्य है और वह है, 'इस यूनिवर्सिटी को सर्वोच्च स्थान पर कैसे ले जाया जाएं.' उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह एक स्टूडेंट्स और कर्मचारी केंद्रित व्यक्ति हैं. अपने संबोधन के आखिर में उन्होंने कहा कि वह तहे दिल से सभी को, पूरी जामिया बिरादरी को, भारत सरकार को और सभी दोस्तों को धन्यवाद देते हैं.


राष्ट्रपति ने किया नियुक्त
राष्ट्रपति ने द्रौपदी मुर्मू ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के विजिटर के नाते 24 अक्टूबर को नई दिल्ली में मौजूद जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज लिटरेचर एंड कल्चर स्टडीज के प्रो. मजहर आसिफ को जामिया का वाइस चांसलर नियुक्त किया था. उन्हें कार्यभार संभालने की तिथि से पांच साल की अवधि के लिए या 70 साल की उम्र तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किया गया है.