Jammu and Kashmir News: पिछले कई महीनों से जम्मू कश्मीर में टार्गेट गिलिंग का दौर जारी है. इसके खिलाफ कई कश्मीरी पंडित धरने पर बैठे हैं. इसमें कई ऐसे हैं जो सरकारी कर्मचारी हैं. इनके लिए जम्मू व कश्मीर के लेफटीनेंट गवर्नर मनोज सिंहा ने हिदायत दी है. मनोज सिन्हां ने कश्मीरी पंडितों को दो टूक कहा है कि जो कश्मीरी पंडित घाटी में ड्यूटी पर नहीं पहुंच रहे हैं उन्हें सैलरी नहीं दी जाएगी.


धरने पर हैं 6000 कश्मीरी पंडित 


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एक रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन 6000 कश्मीरी पंडित महीनों से धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि घाटी में उन्हें टार्गेट किलिंग के जरिए मारा जा रहा है. ऐसे में वह अपनी सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. वह कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमले के खिलाफ अपने दफ्तर नहीं जा रहे हैं.


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मनोज सिंहा ने क्या कहा?


मनोज सिंहा ने कहा कि "हमने 31 अगस्त तक उनका वेतन दे दिया है. लेकिन जब तक वे घर बैठे हैं, उन्हें वेतन नहीं दिया जा सकता है. यह उनके लिए एक लाउड और क्लीयर मैसेज है. उन्हें  इसे सुनना और समझना चाहिए." एक कश्मीरी पंडित की टार्गेट किलिंग और गैर कश्मीरियों की टार्गेट किलिंग के बाद इस साल मई में कई कश्मीरी पंडितों के साथ जम्मू के कुछ सरकारी मुलाजिमों ने घाटी छोड़ दी थी. इनमें से ज्यादातर जम्मू चले गए थे. उनकी मांग है कि उन्हें दूसरी जगह पोस्ट किया जाए.


9 कश्मीरी पंडितों का हुआ कत्ल


सरकार के मुताबिक पिछले 3 सालों में 9 कश्मीरी पंडितों का कत्ल किया गया है. ट्रांसफर की मांग करने वाले कश्मीरी पंडितों से हाल ही में राज्यपाल ने कहा है कि उन्हें जम्मू में ट्रांस्फर नहीं किया जाएगा. उन्हें पहले ही सुरक्षित जगह पर ट्रांस्फर किया गया है. सिन्हा ने कहा कि ‘मैं विरोध कर रहे मुलाजिमों के साथ लगातार राब्ते में हूं और उनके लंबे समय से लंबित मुद्दों को हल करने के लिए कोशिश की गई है.’ 


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