Javed Akhtar Poetry: जावेद अख्तर (Javed Akhtar) हिंदी और उर्दू दोनों के बड़े शायर हैं. वह हिंदी फिल्मों के गीतकार (Lyricist) और पटकथा लेखक (Script Writer) हैं. वह सीता और गीता, ज़ंजीर, दीवार और शोले की कहानी, पटकथा और संवाद लिखने के लिये मशहूर हैं. उन्होंने कई फिल्मों में गाने लिखे जिनमें तेज़ाब, 1942: अ लव स्टोरी, बॉर्डर और लगान शामिल हैं. यहां पेश हैं जावेद अख्तर के बेहतरीन शेर.


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ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गया 
कुछ लोग मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए
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मैं पा सका न कभी इस ख़लिश से छुटकारा 
वो मुझ से जीत भी सकता था जाने क्यूँ हारा 
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इन चराग़ों में तेल ही कम था 
क्यूँ गिला फिर हमें हवा से रहे 
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यही हालात इब्तिदा से रहे 
लोग हम से ख़फ़ा ख़फ़ा से रहे 
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डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे से 
लेकिन एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा 
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मुझे दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की उम्मीद रहती है 
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता 
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ग़लत बातों को ख़ामोशी से सुनना हामी भर लेना 
बहुत हैं फ़ाएदे इस में मगर अच्छा नहीं लगता 
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याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा 
कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा 
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इक मोहब्बत की ये तस्वीर है दो रंगों में 
शौक़ सब मेरा है और सारी हया उस की है 
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ये ज़िंदगी भी अजब कारोबार है कि मुझे 
ख़ुशी है पाने की कोई न रंज खोने का 
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कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है 
मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी 
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जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता 
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता 
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तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे 
अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है 
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