नई दिल्लीः जेएनयू के नए पाठ्यक्रम ’काउंटर टेररिज्म’ पर फिर से विवाद खड़ा हो गया है. भाकपा के सांसद बिनाय विश्वम ने इसपर अपना विरोध दर्ज किया है. उन्होंने विरोध जताते हुए इस सिलसिले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र भी लिखा है. बिनाय विश्वम ने शिक्षा मंत्री को भेजे अपने पत्र में कहा है कि उच्च शिक्षा को सांप्रदायिक और वैश्विक राजनीतिक का हिस्सा नहीं बनाया जाए. उन्होंने कहा कि जेएनयू द्वारा स्वीकृत किए गए पाठ्यक्रम में उपलब्ध कराई जा रही जानकारियां पूर्वाग्रहों से ग्रसित हैं. जेएनयू के कई शिक्षकों ने भी इस पाठ्यक्रम पर आपत्ति जताई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इंटरनेशनल रिलेशनशिप और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम का बनेगा हिस्सा 
गौरतलब है कि जेएनयू में ’काउंटर टेररिज्म’ का एक पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, जिसे इंटरनेशनल रिलेशनशिप और इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाया जाएगा. इस पाठ्यक्रम के जरिए छात्रों को आतंकवाद से निपटने के तरीकों और तकनीकी भूमिका की जानकारी दी जाएगी. इस पाठ्यक्रम में कट्टरपंथी और धार्मिक आतंकवाद नेटवर्क है, जिसे छात्र पढ़ेंगे. सीमापार प्रायोजित आतंकवाद से भारत लंबे समय से पीड़ित रहा है. पाठ्यक्रम में यह बताया जाएगा कि आतंकवाद के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की क्या भूमिका है?

जेएनयू के कुलपति ने किया पाठ्यक्रम का बचाव  
जेएनयू के कुलपति एम जगदेश कुमार ने इस मामले पर बयान जारी कर कहा कि काउंटर टेरोरिज्म विषय में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को आतंकवाद से कैसे निपटा जा सकता है और इसमें विज्ञान और तकनीक की क्या भूमिका होगी ये पढ़ाया जाएगा. इस पाठ्यक्रम को विश्वभर में हो रही आतंकवादी गतिविधियों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, ताकि उन्हें भारत हैंडल कर सके. जेएनयू का कहना है कि विश्वविद्यालय में किसी धर्म विशेष के बारे में नहीं पढ़ाया जा रहा. यह पूरी तरह भारत के परिप्रेक्ष्य में डिजाइन किया गया पाठ्यक्रम है. 

एकेडमिक काउंसिल से मिल चुकी है मंजूरी
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने कुल तीन नए पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी है. इन पाठ्यक्रमों को जेएनयू की एकेडमिक काउंसिल से भी मंजूरी मिल चुकी है. जिन पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी गई है उनमें ’प्रमुख शक्तियों के बीच काउंटर टेररिज्म’, ’एसमेट्रिक कॉन्फ्लिक्ट्स एवं सहयोग के लिए रणनीतियां ’21वीं सदी में भारत का उभरता वैश्विक दृष्टिकोण’ और ’अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी का महत्व’ शामिल हैं.


Zee Salaam Live Tv