Allahabad High Court के मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस अरुण भंसाली, न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की लेंगे जगह
Allahabad High Court: सेंट्रल ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ( Justice Arun Bhansali ) के अपॉइटमेंट को अधिसूचित किया.
Allahabad High Court: सेंट्रल ने शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ( Justice Arun Bhansali ) के अपॉइंटमेंट को अधिसूचित किया. सेंट्रल कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है, "संविधान के अनुच्छेद 217 के खंड (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली को इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करते हुए खुश हैं. उनका दफ्तर उनके कार्यभार संभालने की तारीख से प्रभावी होगा."
भारत के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ( Dhananjaya Yeshwant Chandrachud ) के नेतृत्व वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिसंबर 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय में खाली पद को भरने के लिए सेंट्रल को अपनी सिफारिश भेजी थी, क्योंकि न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर की रिटायर्ड होने के बाद यह पद खाली हो गया था.
जस्टिस भंसाली को जनवरी 2013 में राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था और वह वहां सानियर जस्टिस के रूप में काम कर रहे हैं. न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले, उन्होंने सिविल, कंपनी, संवैधानिक और कराधान मामलों में राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच में प्रैक्टिस किया है.
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक, एससी कॉलेजियम ने कहा था कि हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपने करीब 11 सालों के कार्यकाल के दौरान उन्होंने 1,230 से ज्यादा रिपोर्ट किए गए फैसले लिखे हैं. उन्हें मजबूत कानूनी कौशल के साथ एक सक्षम न्यायाधीश माना जाता है और इसलिए, देश के सबसे बड़े हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने के लिए वह एक उपयुक्त ऑप्शन होंगे.
जस्टिस एस. वैद्यनाथन होंगे मेघालय हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
दूसरी तरफ, ने केंद्र ने शुक्रवार को जस्टिस एस. वैद्यनाथन को मेघालय हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के लिए नोटिफिकेशन जारी की.
न्यायमूर्ति वैद्यनाथन को अक्टूबर 2013 में मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. वह अपने मूल हाईकोर्ट में सबसे सीनियर न्यायाधीश हैं. न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने से पहले उन्होंने साल 1986 में बार में दाखिला लिया और मद्रास हाईकोर्ट और अलग-अलग न्यायाधिकरणों में अभ्यास किया.