Delhi Liquor Scam Case: दिल्ली शराब घोटाले मामले में सुप्रीम कोर्ट के जरिए जमानत दिए जाने के कुछ घंटों बाद ही बीआरएस नेता के कविता आज यानी 27 अगस्त की रात तिहाड़ जेल से बाहर आ गई हैं. मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच में मार्च में ईडी ने कविता को गिरफ्तार किया था. जेल परिसर से बाहर निकलते ही उनके स्वागत के लिए जेल के बाहर जमा हुए बीआरएस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने ढोल बजाए और पटाखे फोड़े. के. कविता के भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव भी मौजूद थे.


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के कविता ने कार्यकर्ताओं में भर दिया जोश
आबकारी नीति मामले में मार्च में ईडी ने कविता को गिरफ्तार किया था और पिछले पांच महीनों से तिहाड़ की जेल नंबर 6 में बंद थीं. उन्हें हैदराबाद में बंजारा हिल मौजूद उनके आवास से ईडी ने गिरफ्तार किया था और फिर इस साल अप्रैल में सीबीआई ने तिहाड़ जेल के अंदर से गिरफ्तार किया था. समर्थकों और बीआरएस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ से घिरी के कविता तिहाड़ जेल से बाहर निकलीं और कहा कि उनकी पार्टी इन आरोपों का कानूनी तरीके से मुकाबला करेगी.


बीआरएस नेता ने कहा, "हम लड़ाके हैं, हम कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे. उन्होंने बीआरएस और केसीआर की टीम को सिर्फ अटूट बनाया है." अपने खिलाफ लगे आरोपों को झूठा बताते हुए उन्होंने कहा, "पूरा देश जानता है कि मुझे राजनीतिक कारणों से जेल में डाला गया था. मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है." 


कोर्ट ने ईडी को लगाई फटकार
आज यानी 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में के कविता को जमानत दे दी, जबकि केंद्रीय एजेंसियों से उनकी जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या वे किसी आरोपी को चुनने के लिए स्वतंत्र हैं. पीठ ने कहा, "अपीलकर्ता (कविता) को प्रत्येक मामले में ₹10 लाख की राशि के जमानत बांड जमा करने पर फौरन जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है." न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सवाल किया कि ईडी और सीबीआई के पास यह साबित करने के लिए क्या "सामग्री" है कि कविता मामले में शामिल थी.