Kaif Bhopali Hindi Shayari: कैफ भोपाली उर्दू के मशहूर शायरों में से एक हैं. उनका असली नाम ख्वाज मोहम्मद इदरीस है. लेकिन वह कैफ भोपाली के नाम से मशहूर हैं. उन्होंने अपनी शायरी के बल पर लोकप्रियता की बुलन्दियों को छुआ. उन्होंने फिल्मों के लिए कई गाने लिखे हैं. 'ऐ खुदा शुक्र तेरा', 'कौन आएगा यहां' और 'चलो दिलदार चलो' जैसे कई मशहूर गाने लिखे हैं. कैफ भोपाली को शाइरी विरासत में मिली. उनके माँ-बाप दोनों शायर थे. 


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एक कमी थी ताज-महल में
मैं ने तिरी तस्वीर लगा दी


मुझे मुस्कुरा मुस्कुरा कर न देखो 
मिरे साथ तुम भी हो रुस्वाइयों में 


तुम से मिल कर इमली मीठी लगती है 
तुम से बिछड़ कर शहद भी खारा लगता है 


उस ने ये कह कर फेर दिया ख़त
ख़ून से क्यूँ तहरीर नहीं है


उन से मिल कर और भी कुछ बढ़ गईं
उलझनें फ़िक्रें क़यास-आराइयाँ


मेरे दिल ने देखा है यूँ भी उन को उलझन में
बार बार कमरे में बार बार आँगन में


ये दाढ़ियाँ ये तिलक धारियाँ नहीं चलतीं
हमारे अहद में मक्कारियाँ नहीं चलतीं


इधर आ रक़ीब मेरे मैं तुझे गले लगा लूँ
मिरा इश्क़ बे-मज़ा था तिरी दुश्मनी से पहले


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हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले


इक नया ज़ख़्म मिला एक नई उम्र मिली
जब किसी शहर में कुछ यार पुराने से मिले


दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हम को तोहफ़े ये तुम्हें दोस्त बनाने से मिले


आग का क्या है पल दो पल में लगती है
बुझते बुझते एक ज़माना लगता है


सच तो ये है फूल का दिल भी छलनी है
हँसता चेहरा एक बहाना लगता है


मत देख कि फिरता हूँ तिरे हिज्र में ज़िंदा
ये पूछ कि जीने में मज़ा है कि नहीं है


'कैफ़' परदेस में मत याद करो अपना मकाँ
अब के बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा


कुछ मोहब्बत को न था चैन से रखना मंज़ूर 
और कुछ उन की इनायात ने जीने न दिया 


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